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Mumps Disease: बच्चों में ही ज्यादातर क्यों फैलता है मम्प्स वायरस, जानें इसके लक्षण और उपचार

Mumps Disease: मम्प्स बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में वायरस के संपर्क के माध्यम से फैल सकती है, जैसे कि छींकना या खासना, या संपर्क में आने वाले छुए हुए सतहों के माध्यम से. आइए जानें क्या है इसके लक्षण और उपचार

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Ritika Shree
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Mumps Disease

Mumps Disease( Photo Credit : social media)

Mumps Disease: मम्प्स (Mumps) एक संक्रामक बीमारी है जो मुख्य रूप से वायरस के कारण होती है, जिसे मम्प्स वायरस (Mumps virus) कहा जाता है. यह गले की ग्रंथियों में सूजन और तेज दर्द के साथ उच्च तापमान के लक्षणों के साथ पहचानी जाती है. यह वायरस छींकने या खासने के माध्यम से एक से दूसरे व्यक्ति में फैलता है. मम्प्स आमतौर पर बच्चों और युवा वयस्कों में होती है, लेकिन बड़े उम्र के व्यक्तियों में भी हो सकती है. इसका उपचार अधिकांश मामलों में आराम और समय के साथ स्वयं ठीक होने का है, लेकिन कुछ गंभीर मामलों में चिकित्सीय सहायता आवश्यक हो सकती है. इसलिए, यदि किसी को मम्प्स के लक्षण महसूस होते हैं, तो उन्हें तुरंत चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए. अगर आंकड़ों की बात करें तो 2021 की तूलना में 2022 में मम्प्स के मामलों में काफी गिरावट आयी, 2021 में जहां यह संख्या 758 थी वही 2022 में केवल 6 मामले दर्ज हुए हैं. यह बीमारी ज्यादातर 5 से 12 आयु के बच्चों में देखी जा सकती है.

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मम्प्स बीमारी के लक्षण: 

गले की ग्रंथियों में सूजन और दर्द: यह एक प्रमुख लक्षण है जो मम्प्स के साथ आता है.

उच्च तापमान: मम्प्स इंफेक्शन के साथ, व्यक्ति को उच्च तापमान हो सकता है, जिसे बुखार कहा जाता है.

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मुँह का सूजन और दर्द: विकासित होने वाली सूजन और दर्द की वजह से खाने में कठिनाई हो सकती है.

खांसी और ठंडी: कुछ मामलों में, खांसी और ठंडी की शिकायतें भी हो सकती हैं.

सिरदर्द: मम्प्स के बीमार होने पर सिरदर्द की भी शिकायत हो सकती है.

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अन्य लक्षण: छाती के पीछे या कान के पीछे की ग्रंथियों में सूजन, अदरक, खासी, और थकान भी हो सकती है.

मम्प्स बीमारी के कारण

मम्प्स बीमारी का कारण मम्प्स वायरस है, जो मम्प्स वायरस (Mumps virus) के रूप में जाना जाता है. यह वायरस श्वसन बूंदों के माध्यम से फैलता है, जो जब कोई इंसान छींकता या खासता है, तो यह वायरस वायरल बूंदों के रूप में शरीर के संवेदनशील भागों में फैल जाता है. इसके बाद, यह वायरस अन्य व्यक्ति के संपर्क में आने वाली सतहों के माध्यम से फैलता है, जैसे कि मूंह से छींकना या खांसना. जब कोई व्यक्ति इस वायरस के संपर्क में आता है, तो वायरस उसके गले की ग्रंथियों में प्रवेश कर जाता है और वहां अपनी प्रतिकृति बनाकर संक्रामक प्रकोप का कारण बन सकता है.

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मम्प्स बीमारी का इलाज

आराम: विशेष रूप से बुखार, गले का दर्द, और सूजन के दौरान, व्यक्ति को विश्राम करना और पर्याप्त पानी पीना चाहिए.

दर्द निवारक दवाएँ: डॉक्टर की सलाह पर दर्द निवारक दवाओं का उपयोग किया जा सकता है.

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गर्म पदार्थों का इस्तेमाल: सूजन को कम करने के लिए गर्म पदार्थों का इस्तेमाल किया जा सकता है, जैसे कि गर्म पानी के फर्श या कंप्रेस.

उचित पोषण: सही पोषण के साथ, व्यक्ति का शरीर लक्षणों को प्रबंधित करने की क्षमता में सुधार होता है.

संक्रामक कंटेंट का प्रसार: संक्रामकता को कम करने के लिए संक्रामक कंटेंट का उपयोग कम से कम करना चाहिए.

वैक्सीन: मम्प्स के खिलाफ वैक्सीन उपलब्ध है, जो लोगों को इस बीमारी से सुरक्षा प्रदान कर सकती है.

गंभीर मामलों में, जैसे कि गंभीर संक्रामकता, संक्रामित ग्रंथियों का स्थाई हानिकारक या अन्य समस्याओं की स्थिति में, चिकित्सा द्वारा सहायता की आवश्यकता हो सकती है. इसलिए, मम्प्स के संदर्भ में चिकित्सक की सलाह और निरीक्षण का महत्व होता है.

Source : News Nation Bureau

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