भारत में नेसल वैक्सीन का ट्रायल जल्द शुरू होने जा रहा है. वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च के मुताबिक नाक के द्वारा वैक्सीन दिया जाना बहुत ही फायदेमंद हो सकता है जिससे शरीर में इम्यून रिस्पॉन्स काफी बेहतर तरीके से तैयार होता है. ऐसे में नेसल वैक्सीन कोरोना का सबसे बड़ा काल साबित होगा. कोरोना वैक्सीन की रेस में भारत आज दुनिया के कई देशों से कोसों आगे है. भारत सरकार ने दो वैक्सीन (कोविशील्ड और कोवैक्सीन) को मंज़ूरी दे दी है और कई वैक्सीन अपनी लास्ट स्टेज ट्रायल पर हैं. इस बीच भारत में जल्द ही नेसल वैक्सीन का भी ट्रायल शुरू होने जा रहा है.
बताया जा रहा है कि नेसल वैक्सीन के पहले और दूसरे फेज का ट्रायल अगले 15 दिनों में नागपुर में शुरू होगा. साथ ही भुवनेश्वर, पुणे, नागपुर और हैदराबाद में भी इस वैक्सीन का ट्रायल होगा. इस वैक्सीन को नाक के जरिए दिया जाता है, जबकि अभी तक भारत में जिन दो वैक्सीन (कोविशील्ड, कोवैक्सीन) को मंजूरी मिली है वो हाथ पर इंजेक्शन लगाकर दी जाती है. नेसल वैक्सीन के बारे में कहा जा रहा है कि इसका एक ही डोज काफी होगा. दावा किया जा रहा है कि नेसल वैक्सीन एक बेहतरीन ऑप्शन साबित होगा और भारत बायोटेक इसके ट्रायल के लिए बहुत जल्द डीसीजीआई से मंजूरी मांगेगा.
Nasel Vaccine बनाने के लिए कंपनी ने वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के साथ करार किया है. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह कारगर साबित होता है तो नेसल वैक्सीन कोरोना के खिलाफ जंग में गेम चेंजर साबित हो सकती है. जानकारों का कहना है कि इंजेक्शन द्वारा लगाई जाने वाली वैक्सीन से केवल निचले हिस्से का फेफड़ा सुरक्षित हो पाता है लेकिन नाक के जरिए दी जानेवाली वैक्सीन से शरीर का ऊपरी और निचला दोनों सेफ होने की संभावना रहती है.
Source : Pankaj Mishra