Advertisment

बैक्टीरिया से खोई त्वचा की चमक वापस लौटाएगा नीम जेल

आयुर्वेद की दुनिया में नीम एक बेहद महत्वपूर्ण औषधि मानी जाती है. इसका प्रयोग त्वचा संबंधी काफी बीमारियों से निजात पाने में किया जाता है.

author-image
Sunil Mishra
New Update
nee

बैक्टीरिया से खोई त्वचा की चमक वापस लौटाएगा नीम जेल( Photo Credit : IANS)

Advertisment

आयुर्वेद की दुनिया में नीम एक बेहद महत्वपूर्ण औषधि मानी जाती है. इसका प्रयोग त्वचा संबंधी काफी बीमारियों से निजात पाने में किया जाता है. इसी को ध्यान में रखते हुए छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय सीएसजेएमयू के फॉमेर्सी विभाग ने नीम के तेल से एक ऐसा ट्रांस एथोजोमल जेल विकसित करने का फार्मूला तैयार किया है, जो शरीर में पूरी तरह समा जाता है और साथ बैक्टीरिया (जीवाणु) से खोई त्वचा की चमक को लौटाने में सहायक है. सीएसजेएमयू के फॉमेर्सी विभागाध्यक्ष डॉ. अजय कुमार गुप्ता ने बताया, नीम के गुणों से सभी लोग परिचित हैं. नीम की निंबोली से मिलने वाले तेल में बहुत तीखी गंध होती है. इस कारण लोग इसे प्रयोग में नहीं लाते हैं. इसका एक बड़ा कारण यह भी है कि शरीर में पूरी तरह नहीं समाता है. इसके अलावा इसे शरीर में लगाने के बाद धोना भी मुश्किल होता है. इसी को ध्यान में रखते हुए नया ड्रग सिस्टम विकसित किया गया है.

एथोसोमल ड्रग डिलीवरी सिस्टम अपने अंदर नीम के तेल को समाहित कर लेता है, जिससे बहुत छोटे-छोटे माइक्रो और नैनो सिस्टम के पार्टिकल बन जाते हैं. इसमें एक अल्कोहल होता है, जो त्वचा को साफ करता है. जो तेल समाहित होता है, वह रक्त के शुद्धीकरण में काफी सहायक होता है. यह त्वचा संबंधी चर्म और कुष्ठ रोग में लाभदायक है. यह त्वचा समेत कई रोगों का नाश करता है.

उन्होंने कहा, नीम के तेल से भरे ट्रांसएथोसोमल जैल में ऐसी कोई गंध नहीं होती है, जबकि यह तुरंत साफ भी हो जाता है. ऐसा जहां लगाया जाता है, वहां धोने के बाद ऐसा लगता ही नहीं कि कोई चिकनी चीज लगाई गई थी. मरीज इसका इस्तेमाल कॉस्मेटिक की तरह कर सकेंगे. इसमें मन चाही सुगंध भी डाल सकते हैं. हालांकि अभी इसका प्रयोग कोरोना खत्म करने में नहीं किया गया है. इस पर शोध हो रहा है. एथोसेम तैयार करके जैल बनाया गया है.

डॉ. गुप्ता ने कहा, अभी इसे बाजार में आने में समय लगेगा. यह संस्थान के स्तर का नहीं, बल्कि उद्योग के स्तर का कार्य है. आयुर्वेद में अभी कम उद्योग हैं. इसके लंबे समय तक टिकने की व्यवस्था पर शोध हो रहा है. क्योंकि अभी सुनने में आ रहा है कि कोराना नाशक वैक्सीन बहुत जल्दी नष्ट हो सकती है. हालांकि आयुर्वेदिक उत्पाद की एक्सपाइरी लंबी होती है. फार्मूला तैयार होने के बाद अब इसे आम आदमी तक पहुंचाने के लिए फार्मूलेशन डवलपमेंट किया जाएगा. इसके बाद इंडस्ट्री के पास यह फार्मूला भेजा जाएगा. वहां पर इसे उत्पाद के रूप में विकसित करने के लिए उसकी स्टडी करके मरीजों की जरूरत के अनुसार बाजार में उतारने की योजना है.

डॉ. गुप्ता ने बताया कि नीम के तेल से जेल का फार्मूला तैयार करने में करीब एक वर्ष का समय लगा. जैल बनाने के लिए पहले नीम के तेल के इथोजोम बनाए गए. उसके बाद इसे जैल के रूप में तैयार किया गया. डॉ. अजय गुप्ता ने बताया कि एथोजोमज ड्रग डिलीवरी सिस्टम का एक भाग होता है. इसी से जेल बनाकर उसे इस प्रकार तैयार किया जा सकता है कि उसे दवा के रूप में ट्यूब में रखा जा सके. इसे बनाने में शोधकर्ता अनुप्रिया व रुपाली ने सहायता की है.

Source : IANS

ayurveda neem Bacteria Neem Gel Neemboli
Advertisment
Advertisment
Advertisment