वैज्ञानिकों ने मूत्रमार्ग में संक्रमण को खत्म करने के लिए दी जाने वाली एंटीबायोटिक दवा को बेअसर करने वाले बैक्टीरिया का पता महज 30 मिनट से भी कम समय में लगाने का एक तरीका खोज निकाला है। इस जांच के लिए मरीजों को सिर्फ एक बार क्लीनिक जाने की जरूरत होगी और उन्हें उसी दौरान निदान और प्रभावी उपचार दिया जा सकेगा।
कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में विकसित नए टेस्ट में एंटीबायोटिक प्रतिरोधी बैक्टीरिया की पहचान की गई है, जो 3 दिनों के समय के इंतजार को 30 मिनट से भी कम समय में परिवर्तित कर सकता है और इससे सुपरबग बैक्टीरिया के प्रसार को भी कम करने में मदद मिल सकती है।
शोधपत्र के सहलेखक नाथन शूप ने कहा, 'अभी, हम निर्धारित से अधिक प्रसार कर रहे हैं, इसलिए हम बहुत जल्दी प्रतिरोध देख रहे हैं और बहुत ज्यादा एंटीबायोटिक दवाइयों को इकठ्ठा कर रहे हैं, ताकि हम अधिक गंभीर परिस्थितियों के लिए उन्हें संरक्षित कर सकें।'
टीम के मुताबिक, बैक्टीरिया के संक्रमण का इलाज करते समय चिकित्सकों को मैथिसिलिन या एमोक्सिसिलिन जैसी दवाओं से पहले एंटीबायोटिक दवाओं को नजरअंदाज करना पड़ता है, क्योंकि उनके बैक्टीरिया प्रतिरोधी होने की संभावना रहती है।
जेकब्स इंस्टीट्यूट फॉर मॉलेकल्युलर इंजीनियरिंग फॉर मेडिसीन के कैमिस्ट्री एंड केमिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर रस्टेम इस्माइलिकोव, कैलटेक के एथ विल्सन बाउल्स और निदेशक रॉबर्ट बाउल्स का कहना है, 'परीक्षण के बहुत धीमा होने के कारण और वास्तव में रोगी को जाने बिना कि वह किस मर्ज से पीड़ित है, चिकित्सकों को विश्व स्वास्थ्य संगठन या रोग नियंत्रण और रोकथाम के लिए संगठनों द्वारा जारी दिशानिर्देशों से प्रेरित किया जाता है।'
उन्होंने कहा, 'हम इस तरह के परीक्षण के सहारे दुनिया को तेजी से बदल सकते हैं। हम एंटीबायोटिक दवा निर्धारित करने के तरीके भी बदल सकते हैं।'
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Source : IANS