मलेरिया के टीके के सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण सफलता हासिल हुई है। एक अंतर्राष्ट्रीय शोध दल ने कहा है कि मलेरिया फैलाने वाले परजीवी के बाहरी हिस्से में मौजूद कार्बोहाइड्रेट मच्छरों और मनुष्य को संक्रमित करने की उसकी क्षमता में एक अहम भूमिका निभाता है।
शोध के निष्कर्ष सुझाते हैं कि इससे मलेरिया के सबसे घातक रूप प्लाजमोडियम फाल्सीपरम मलेरिया से लोगों को बचाने के लिए उपलब्ध एकमात्र टीके में सुधार किया जा सकता है।
शोध दल ने पाया कि मलेरिया परजीवी अपने प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट को मजबूत और एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए जोड़ता है और यह प्रक्रिया इस परजीवी के जीवन चक्र को पूरा करने के लिए बेहद जरूरी होती है।
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आस्ट्रेलिया के विक्टोरिया के पार्कविले स्थित वाल्टर एंड एलिजा हॉल इंस्टीट्यूट से जस्टिन बोडे ने कहा, 'प्रोटीन के साथ काबोहाइड्रेट को जोड़ने की परजीवी की इस क्षमता में बाधा लिवर के संक्रमण और इस संक्रमण के दूसरे मच्छर तक पहुंचने की प्रक्रिया को रोकती है, जिससे परजीवी को इस हद तक कमजोर हो जाता है कि वह शरीर में जीवित नहीं रह सकता।'
वाल्टर एंड एलिजा हॉल इंस्टीट्यूट से एथान गोर्डाड-बोर्गर ने बताया, इस शोध में हमने पाया कि टीके में अगर यह कार्बोहाइड्रेट मिला दिया जाए तो ज्यादा कारगर टीका बनाया जा सकता है।
इस नए शोध का लक्ष्य मलेरिया के टीके में सुधार करना है। यह शोध 'नेचर कम्युनिकेशंस' पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
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Source : IANS