वैज्ञानिकों ने सेल्स के एक ऐसे छोटे से समूह की खोज की है जो डैमेज टेस्टिकल्स की मरम्मत कर सकते हैं, जिससे पुरुषों की फर्टिलिटी को कायम रखा जा सकता है। शोधकर्ताओं ने यह जानकारी दी। यह सेल्स विशेष रूप से कैंसर से उबरने वाले पुरुषों के लिए खासतौर पर मददगार हो सकती हैं।
पुरुषों के टेस्टिकुलर को रेडिएशन या कैंसर के इलाज के दौरान कीमोथेरेपी जैसे बाहरी कारकों से नुकसान पहुंचने की संभावना बहुत अधिक होती है। कीमोथेरेपी के कारण कई बार टेस्टिकुलर को इतनी क्षति पहुंचती है कि इनफर्टिलिटी का खतरा पैदा हो जाता है।
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यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग के प्रोफेसर और स्टेम सेल बायोलॉजिस्ट डोनाल ओकैरोल ने बताया, 'चूहों पर किए गए हमारे अध्ययन से पता चलता है कि भविष्य में इलाज के लिए इन सेल्स को फ्रीज कर रखा जा सकता है। हमारा अगला कदम मनुष्यों में भी ऐसी कोशिकाओं की पहचान करना है।'
शोधकर्ताओं ने इन कोशिकाएं को मीवी2 एक्सप्रेसिंग नाम दिया है, जो टेस्टिकल्स के सेल्स के डैमेज की मरम्मत कर सकती हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि ये सेल्स आंतरिक प्रक्रिया के जरिए डैमेज टेस्टिकल्स की मरम्मत कर सकती हैं, हालांकि इस प्रक्रिया को अभी पूरी तरह से समझा नहीं जा सका है।
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Source : IANS