सीएसआईआर (CSIR) प्रमुख डॉ. शेखर सी मंडे ने कहा कि अगली कोविड लहर जरूर आएगी, लेकिन यह अंदाजा लगाने से साफ इंकार कर दिया कि यह कब और कैसे आएगी? शनिवार को संवाददाताओं से बात करते हुए, सीएसआईआर (CSIR) प्रमुख ने कहा कि तीसरी लहर को आने से रोका तो नहीं जा सकता. लेकिन वैक्सीनेशन और मास्क पहनने से इस लहर की तीव्रता को कम जरूर किया जा सकता है. डॉ. मंडे ने कहा कि वे लोग केरल में कोरोना पॉजिटिव लोगों के आंकड़ों में अचानक आई उछाल के कारणों पर गहनता से विश्लेषण कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना वायरस का डेल्टा प्लस वैरिएंट उतनी ज्यादा चिंता का विषय नहीं था जितना कि ये आने वाली तीसरी लहर है.
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कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट से ज्यादा खतरनाक है कोरोना की तीसरी लहर
डॉ. मंडे ने कहा कि डेल्टा वेरिएंट काफी भयंकर था, लेकिन डेल्टा प्लस के बारे में ज्यादा चिंता करने की आवश्यकता नहीं है. उन्होंने कहा कि यूके, यूरोप और यूएस ने कोरोना की अगली लहर को देखा और ये बहुत ही ज्यादा भयंकर है. हमें इसके लिए संरक्षित दृष्टिकोण रखना पड़ेगा. अगली लहर के आने की पूरी संभावना है लेकिन यह कब आएगी और कैसे आएगी, इस बात की कोई जानकारी अभी तक नहीं है.
लोगों की लापरवाहियों के चलते आएगी कोरोना की तीसरी लहर
यह कोरोना वायरस के अगले म्यूटेंट की वजह से आ सकता है या फिर लोगों द्वारा कोविड नियमों सम्बंधी सावधानियां रखने में जो ढील बरती जा रही है, उस वजह से भी आ सकता है. सीएसआईआर (CSIR) प्रमुख ने लोगों से अपील किया कि लोगों को कोविड से लड़ने के लिए जो सावधानियां बताई गईं हैं, उन्हें उनका पालन करना चाहिए. आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि लोगों को यह दिखाने के लिए कि वैक्सीनेशन का असर हो रहा है और यह ठीक ढंग से काम कर रहा है, पर्याप्त साक्ष्य व सुबूत उपलब्ध हैं. साथ ही यह भी कहा कि कोरोना वायरस की जीनोमिक गतिविधि पर अगले तीन साल तक पूरी निगरानी रखी जाएगी. उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा कोरोना को महामारी घोषित करने से 15 दिन पहले से ही हम लोग कोविड-19 पर विचार-विमर्श करने और उस स्थिति को समझने की कोशिश करनी शुरू कर दी थी और तभी से 37 सीएसआईआर (CSIR) प्रयोगशालाओं के विशेषज्ञ इस कार्य में लग गए थे. उन्होंने कहा कि इसके लिए हमने जीनोमिक, सीरो और सीवेज सर्विलांस भी किया था. इसके साथ हमने नई डायग्नॉस्टिक किट्स और ड्राई स्वैब मेथड (Dry Swab Method) के साथ कई अन्य जांच के नए तरीकों को भी विकसित किया था.
अपनी बात को खत्म करते हुए उन्होंने कहा कि सीएसआईआर (CSIR) की प्रयोगशालाओं ने कोविड-19 के दवाईयां, वैक्सीन, अस्पतालों में प्रयोग होने वाली मशीनें और उनके वितरण की व्यवस्था में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है. मंडे ने कहा कि इन्फ्लूएंजा के इलाज के लिए एक एंटी-वायरल दवा, umifenovir को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से क्लिनिकल परीक्षण के लिए मंजूरी मिल गई है. उन्होंने कहा, "परिणाम आशाजनक हैं."
HIGHLIGHTS
- कोरोना की तीसरी लहर जरूर आएगी- CSIR प्रमुख
- लेकिन कब और कैसे आएगी इसकी कोई जानकारी नहीं
- CSIR प्रयोगशालाओं ने कोरोना काल में निभाई अहम भूमिका