कोरोना के मामलों (Covid-19 cases) में एक बार फिर इजाफा देखने को मिल रहा है. ऐसे में जहां कुछ लोग सतर्क हो गए हैं. वहीं, कई लोग ऐसे भी हैं, जिन पर बढ़ते कोरोना मामलों का कोई फर्क नहीं पड़ रहा है. इस बीच हाल ही में एक सर्वे सामने आया है. जिसमें चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं. कहा जा रहा है कि कोविड के बाद शराब पीने वाले लोगों की संख्या कम हुई है यानी कम भारतीय शराब का सेवन कर रहे हैं. लेकिन इसके साथ ही एक चिंता वाली खबर भी सामने आयी है. जिसे सुनकर आप शायद हैरान हो जाएं. इस बारे में आज हम आपको इस आर्टिकल में बताने वाले हैं.
बता दें कि ये सर्वे राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS) द्वारा 2019-21 के बीच करवाया गया है. जिसमें पता चल रहा है कि सदी के पहले दशक में भारतीय जितनी शराब पीते थे, उसके मुकाबले अब उनकी संख्या में कमी आ गई है. आंकड़ों की बात करें तो देश में 15 से 54 की उम्र के 22.9 फीसदी पुरुषों ने ही शराब का सेवन किया. जबकि महिलाओं की फीसद 0.7 रही. वहीं, 2005-06 और 2015-16 के आंकड़ों की तुलना की जाए तो पता चलता है कि शराब का सेवन करने वाले पुरुषों की संख्या 32 प्रतिशत से घटकर 29 प्रतिशत पर पहुंच गई है. जबकि महिलाओं की संख्या में भी कमी देखने को मिली है. जो 2.2 प्रतिशत से कम होकर 1.2 हो गई है. जिसके बाद अब 2019-21 के बीच हुए सर्वे (NFHS Survey) में ये आंकड़ा और भी ज्यादा कम हो गया है. एनएफएचएस के मुताबिक, पुरुषों को आंकड़ा 22 प्रतिशत हो गया है. वहीं, महिलाओं की संख्या में कोई कमी नहीं आयी है.
शराब उपभोक्ताओं की संख्या में कमी आने पर कई एक्सपर्ट्स ने अपनी राय रखी है. जिसमें उनका कहना है कि भारत में शराब का सेवन करने वाले लोगों की संख्या में कमी का कारण बिक्री या राजस्व हो सकता है. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि साल 2021 में बीयर और स्प्रिट की बिक्री काफी तेजी से हुई है. लेकिन लोगों की संख्या में गिरावट का कारण शराब तक पहुंच पर लगे प्रतिबंध हो सकते हैं. वहीं, कोविड के गंभीर परिणामों से बचने की सलाह का भी लोगों पर असर हुआ है. जिसके चलते शराब उपभोक्ताओं में कमी आयी है.
हालांकि, आपको बताते चलें कि जहां एक तरफ शराब का सेवन करने वाले लोगों का आंकड़ा कम हुआ है. वहीं, शराब की खपत में बढ़ोतरी देखने को मिली है. इससे ये साफ जाहिर हो रहा है कि जितने भी शराब उपभोक्ता हैं, वे बड़ी मात्रा में इसका सेवन कर रहे हैं. बता दें कि ये सर्वे देश के 16 राज्यों में किया गया है. जहां से सामने आए आंकड़े लोगों को चौंका रहे हैं.