NITI Aayog Report: देश में जिला अस्पतालों की हालत ठीक नहीं है. प्रति एक लाख आबादी पर अस्पतालों में इलाज के लिए औसतन 24 बेड उपलब्ध है. इसमें पुड्डुचेरी सबसे आगे है, जहां 222 बेड की व्यवस्था है. सबसे पीछे बिहार (Bihar) है, जहां औसतन 6 बेड है. यह औसत मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में 20-20 और राजस्थान (Rajasthan) में 19 बेड का है. ये आंकड़े इस बात का संकेत देते हैं कि देश में स्वास्थ्य सेवाओं पर अभी बहुत काम करने की जरूरत है. यह खुलासा नीति आयोग की रिपोर्ट ऑन बेस्ट प्रैक्टिसेस इन द परफॉर्मेंस ऑफ डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में हुआ है.
62 फीसदी छोटे अस्पताल
देश के 707 जिला अस्पतालों का 10 मानकों के आधार पर अध्ययन किया गया है. यह अध्ययन तीन श्रेणियों 200 बेड से कम वाले छोटे अस्पताल, 201 से 300 बेड वाले मध्यम आकार अस्पताल, 300 से ज्यादा बेड वाले बड़े अस्पताल के आधार पर किया है. देश में कुल जिला अस्पतालों में 62 फीसदी छोटे अस्पताल हैं.
सर्वे की खास-खास बातें
191 जिला अस्पतालों में 100 बेड पर 29 डॉक्टर
88 अस्पतालों में जरूरत के हिसाब से नर्स उपलब्ध
399 अस्पतालों में पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती
89 अस्पताल सपोर्ट सर्विस के मापदंड पर खरे उतरे
21 अस्पतालों में सभी डायग्नोस्टिक सर्विस
182 अस्पतालों में 90 फीसदी से ज्यादा बेड भरे
27 मरीजों को देखता है रोजाना एक चिकित्सक
222 बेड सर्वाधिक पुड्डुचेरी में (प्रति लाख आबादी)
15 राज्यों में स्थिति संतोषजनक नहीं
इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड की गाइडलाइन के अनुसार, जिला अस्पतालों में प्रति 1 लाख आबादी पर कम से कम 22 बेड होने चाहिए। पर 15 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में बेड 22 से कम हैं. हालांकि डब्ल्यूएचओ के अनुसार प्रति एक हजार आबादी पर कम से कम 5 बेड होने चाहिए. 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 75 जिला अस्पतालों को बेड मेडिकल व पैरा मेडिकल स्टाफ कोर हैल्थ डायग्नोस्टिक टेस्टिंग सेवाओं की उपलब्धता के मामले में बेहतर पाया.
HIGHLIGHTS
- प्रति एक लाख आबादी पर बिहार में औसतन 6 बेड
- मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में औसतन 20-20 बेड