अमेरिकन कॉलेज ऑफ गैस्ट्रोएन्ट्रोलॉजी के मुताबिक ऐसी कोई विशेष डाइट नहीं है जिसे पेट के अल्सर के रोगियों को अपनाना चाहिए. किसी खास तरह के खाने से न तो पेट का अल्सर होता है और न अधिक बिगड़ता है. पेट का अल्सर हैलियोबैक्टर पायलोरी नामक बैक्टिरिया के संक्रमण से होता है. इससे बचाव करने के लिए कई सावधानियां हैं जरूरी. पेट में फोड़ा हैलियोबैक्टर पायलोरी नामक बैक्टिरिया के संक्रमण से होता है. इसके अलावा केमिस्ट से पूछकर या अपने मन से लगतार लंबे समय तक दर्द निवारक गोलियां खाने से भी पेट में छाले या फोड़े हो जाते हैं.
क्या खाएं जब हो पेट में अल्सर
सेंटर फॉर लीवर ट्राप्लांट एंड गैस्ट्रो साइंसेज हेल्दी ह्युमन क्लीनिक नई दिल्ली के डायरेक्टर डाॅ.रविंदर पाल सिंह मल्होत्रा बताते हैं कि पेट में अल्सर होने की स्थिति में मरीज को एंटीबायोटिक्स लंबे समय तक चलती हैं साथ ही एसिड ब्लॉकर्स भी दिए जाते हैं.
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इसके अलावा नियमित भोजन के रूप में मरीज को सादा भोजन करना जरूरी है. इस तरह के खाद्य पदार्थों से अल्सर पैदा करने वाले बैक्टिरिया से लड़ने में मदद मिलती है. बंद गोभी, फूल गोभी , मूली, ब्लूबेरीज, रास्पबेरीज, ब्लेकबेरीज, स्ट्राबेरीज, चौरीज, शिमला मिर्ची , गाजर, ब्रोकली, हरी पत्तेदार सब्जियां, दही एवं छांछ, शहद, लहसुन, ग्रीन टी और हल्दी का दूध आप ले सकते हैं.
क्यों है मददगार ये खाद्य पदार्थ
हैलियोबैक्टर पायलोरी नामक बैक्टिरिया के इंफेक्शन के कारण हुए पेट के फोड़े को ठीक करने के लिए ये सभी खाद्य पदार्थ इसलिए मददगार साबित हो सकते हैं क्योंकि ये एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर हैं. ये खाद्य पदार्थ शरीर के इम्यून सिस्टम की सुरक्षा करेंगे और सिस्टम को संक्रमण से लड़ने के लिए एक्टिवेट भी करेंगे. इनकी मदद से पेट के कैंसर से भी सुरक्षा मिल जाती है. ब्लूबेरीज, चेरीज, शिमला मिर्ची वगैरह एंटीऑक्सीडेंट्स की ताकत से भरे हुए हैं. हरी पत्तेदार सब्जियों में कैल्शियम और विटामिन बी होते हैं जो इम्यून सिस्टम को मजबूती प्रदान करते हैं.
ब्रोकली
ब्रोकली को सुपर फूड माना जाता है. इसमें सल्फोराफेन नामक एक कंपाउंड होता है जो हैलियोबैक्टर पायलोरी नामक बैक्टिरिया के खिलाफ अपनी सक्रियता के लिए जाना जाता है. कुद शोध अध्ययनों से मालूम होता है कि ऑलिव ऑइल इस बैक्टिरिया के संक्रमण को दूर करने में समर्थ है.
खमीर से बने खाद्य पदार्थ
क्लिनिकल स्टडीज से आए नतीजों के मुताबिक खमीर उठाए गए प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थों से अल्सर ठीक होता है. दही, छांछ और खमीर उठाकर बनाई गई डबल रोटी आदि से संक्रमण को फिर से सिर उठाने से रोका जा सकता है. इसी तरह हल्दी, लहसुन और ग्रीन टी भी पेट के छालों अथवा फोड़ों को ठीक करने में मददगार साबित होते हैं.
क्या न खाएं जब हों पेट में छाले
जिन लोगों को पेट में अल्सर होता है उन्हें पेट से एसिड बाहर उछलकर आने की शिकायत भी होती है. उन्हें इन्हें खाने या पीने से परहेज करना चाहिए. कॉफी, चॉकलेट, मिर्च मसालेदार खाना, शराब, टमाटर या नींबू जैसे खट्टी सब्जियों से परहेज करें. इसके अलावा खूब ठूंस-ठूंसकर खाने और रात को सोने के समय व भोजन के बीच कम अंतराल रखना भी नुकसान दायक होता है.
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डाॅ.रविंदर पाल सिंह मल्होत्रा बताते हैं कि हैलियोबैक्टर पायलोरी नामक बैक्टिरिया से होने वाले अधिकांश अल्सर इलाज से ठीक हो जाते हैं. लेकिन यदि इलाज में कोताही बरती या पूरा इलाज नहीं लिया तो पेट के अल्सर की समस्या गंभीर भी हो सकती है. पेट में खून का अंदरूनी रिसाव शुरू हो सकता है साथ ही पेट का कैंसर भी हो सकता है.
Source : News Nation Bureau