सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने रिपोर्ट जारी करते हुए कहा है कि ज्यादातर पेट्रोल पम्पो पर वेपर रिकवरी सिस्टम नहीं है जिसकी वजह से पेट्रोल पंप पर काम करने वाले कर्मचारियों के साथ जो लोग पेट्रोल डलवाने आते हैं वो जहरीली हवा को अपनी सांसों के साथ घोल रहे हैं. न्यूज नेशन ने इस मामले को गंभीरता से देखते हुए पेट्रोल पंप असोसिएशन से जुड़े लोगों से बात की और जाना क्या हालात हैं. दरअसल जब आप पेट्रोल गाड़ी में भरवाते हैं तो पेट्रोल पंप मशीन में पाइप के साथ नोज़ल लगा होता है जो वेपर रिकवरी सिस्टम की तरह काम करता है. इससे गैस बाहर भाप बनकर नही उड़ती.
देश मे करीब 88000 पेट्रोल पंप
सीपीसीबी की रिपोर्ट की मानें तो देश मे करीब 88000 पेट्रोल पंप हैं, जिनमें से 6500 पेट्रोल पंप पर ही वेपर रिकवरी सिस्टम लगा है. पेट्रोल से निकली गैस इतनी खतरनाक है कि कैंसर भी इससे हो सकता है. न्यूज़ नेशन ने जब इस मामले को उठाया तो लोगों को पता चला.
सिर्फ 6322 पेट्रोल पंप पर ही वेपर रिकवरी सिस्टम लगे
वेपर रिकवरी सिस्टम जो जहरीली हवा को फैलने से रोकता है. NGT ने पहले एक आदेश में कहा था कि 31अक्टूबर 2018 तक वेपर रिकवरी सिस्टम लगाने जरूरी है लेकिन आज तक ऐसा नहीं किया गया. एक रिपोर्ट के मुताबिक देशभर में 80 हजार पेट्रोल पंप में से सिर्फ 6322 पेट्रोल पंप पर ही वेपर रिकवरी सिस्टम लगे हुए हैं, जिसका मतलब है कि इस जहरीला हवा से बचने के लिए पेट्रोल पंप पर पर्याप्त काम नहीं किया गया. ये वेपर रिकवरी सिस्टम ऐसे में पेट्रोल भरवाते वक्त तेज गंध और गैस को बाहर आने से रोकता है. इसमें एक सक्शन मशीन लगाई हुई है, जिसे ये सक करता है और बाहर गैस नहीं आने देता.
Source : News Nation Bureau