देश में कोरोना की रफ्तार धीरे-धीरे कम हो रही है. रोजाना मिलने वाले मामलों की संख्या भी मंगलवार को एक लाख से नीचे आ गई. वहीं कोरोना से होने वाली मौतों की संख्या भी घटी है. कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों में अब नाखून और बाल संबंधी बीमारियां दिख रही हैं. वहीं कुछ मरीजों में हर्पीज यानी दाद (Herpes) की समस्या भी देखने को मिल रही है. विशेषज्ञ भी इसे लेकर चिंतित हैं. उन्होंने लोगों से इसे नजरअंदाज ना करने की सलाह दी है. डॉक्टरों का कहना है कि इन लक्षणों की पहचान कर इनका समय से इलाज कराया जाना बेहद जरूरी है.
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मुंबई, दिल्ली और कुछ अन्य बड़े शहरों के डॉक्टर्स का कहना है कि कोरोना वायरस से उबरने के बाद अस्पताल से घर गए लोगों में त्वचा रोग सामने आ रहे हैं. इनमें सबसे आम बीमारी हर्पीज है. अधिकांश मरीजों में यह देखने को मिल रही है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कई मरीजों में हर्पीज या दाद पहली बार सामने आ रही है. हालांकि कुछ मरीज पहले से ही हर्पीज से पीडि़त रहे हैं. ऐसा उनकी कमजोर इम्युनिटी के कारण हो रहा है. डॉक्टरों का कहना है कि किसी भी तरह के लक्षण सामने आने के बाद मरीज समय से इलाज कराएं.
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डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना वायरस संक्रमण से कमजोर हुई इम्युनिटी के कारण कई मरीजों में त्वचा के साथ-साथ बाल और नाखून की बीमारियां भी देखने को मिल रही है. उनके अनुसार कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों को दाद, बाल झड़ने और नाखून संबंधी बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है. नाखून संबंधी बीमारी वाले मरीजों में मेलानोनीचिया भी देखने को मिल रहा है. ऐसे में विशेषज्ञों का कहना है कि लोग इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें और डॉक्टरी परामर्श लें. इससे पहले कोरोना से ठीक हुए मरीजों में कमजोरी, शरीर में दर्द, पैरों में दर्द, अनिद्रा जैसे लक्षण भी सामने आ चुके हैं.
HIGHLIGHTS
- मरीजों में दिख रही त्वचा संबंधी कई गंभीर बीमारियां
- कई मरीजों में हर्पीज के मामले भी आए सामने