ताजा राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-एनएफएचएस) में देश में मोटापे से ग्रस्त पांच साल से कम उम्र के बच्चों की संख्या में जबरदस्त इजाफा होने की बात सामने आई है. देश के 22 राज्यों में किए गए सर्वेक्षण में से 20 राज्यों के बच्चों में यह वृद्धि देखने को मिली है. विशेषज्ञ इसके लिए कम पोषण वाले भोजन की आदत और शारीरिक गतिविधियों में कमी को जिम्मेदार ठहराते हैं. एनएफएचएस-5 के मुताबिक, पिछली बार वर्ष 2015 और 2016 के बीच किए गए सर्वेक्षण की तुलना में महाराष्ट्र, गुजरात, मिजोरम, त्रिपुरा, लक्षद्वीप, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख समेत कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मोटापे से ग्रसित पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की संख्या में भारी वृद्धि दर्ज की गई है.
इसके मुताबिक, केवल गोवा, दादरा एवं नागर हवेली और दमन एवं दीव में ऐसे बच्चों की संख्या में कमी देखी गई है. लद्दाख में पांच वर्ष से कम उम्र के करीब 13.4 फीसदी बच्चे मोटापे से ग्रसित पाए गए जो 22 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में किए गए सर्वेक्षण में इस मामले में सबसे पहले पायदान पर रहा. पिछले सर्वेक्षण की तुलना में केवल बच्चों में ही नहीं इस ताजा सर्वेक्षण में मोटापे से ग्रस्त वयस्कों की संख्या में भी इजाफा हुआ है.
सर्वेक्षण के आंकड़ों के मुताबिक, 16 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की महिलाओं के बीच मोटापे की शिकायत में वृद्धि दर्ज की गई जबकि 19 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के पुरुषों में इस समस्या में इजाफा हुआ है. केरल और अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में सबसे अधिक करीब 38 फीसदी महिलाएं मोटापे से ग्रसित पाई गईं. जन स्वास्थ्य पोषण विशेषज्ञ शीला वीर ने कहा कि भोजन की अच्छी आदतों के बारे में जागरूकता की कमी है.
उन्होंने कहा कि उच्च वसा एवं उच्च शर्करा की मात्रा वाले भोजन आसानी से उपलब्ध है इसलिए इनका सेवन भी बढ़ता जा रहा है.
Source : Bhasha