देश में कोविड-19 के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन से संक्रमण के पहले दो केस की पुष्टि होने से हंगामा मच गया है. बेंगलुरु में दोनों केस मिलने के बाद कर्नाटक सरकार हाई अलर्ट पर है. राज्य में मिले दो संक्रमित मरीजों में एक 46 साल के एक डॉक्टर के होने के बाद सवाल और तेज हो गया है. यह सवाल तेज हो गया है कि कहां चूक हुई और डॉक्टर कैसे इससे संक्रमित पाए गए, जबकि उनकी कोई हालिया ट्रैवल हिस्ट्री भी नहीं है. आखिर कोरोना का नया वेरिएंट कैसे भारत में आया.
कर्नाटक कोविड टास्क फोर्स के जीनोमिक सर्विलांस कमेटी के प्रमुख डॉ. विशाल राव ने इस बारे में मीडिया को बताया. उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस के आंतरिक बदलाव से भी ऐसा हो सकता है. हालांकि विदेश से लौटे या किसी दूसरे ट्रैवल हिस्ट्री वाले शख्स से संपर्क में आने को लेकर डॉक्टर से पूछताछ की गई थी. देश में बेंगलुरु में केस के सामने आने को लेकर डॉ. राव ने बताया कि ऐसा कर्नाटक राज्य की मशीनरी की बेहतर सक्रियता और निगरानी से ही संभव हो पाया है कि समय रहते हम इसकी पहचान कर पाए. राज्य की अथॉरिटी बहुत सतर्क है.
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लॉकडाउन या कर्फ्यू जैसी पाबंदी आखिरी उपाय
राज्य में नई पाबंदियों को लेकर किए सवाल पर डॉ. राव ने कहा कि लॉकडाउन या कर्फ्यू जैसी बातों को लेकर फिलहाल किसी तरह का कोई विचार नहीं किया गया है, लेकिन अगर केस बढ़ने लगे तो उसको रोकने के लिए प्रतिबंध से इनकार भी नहीं किया जा सकता. हालांकि यह आखिरी सुरक्षा उपाय के तौर पर देखा जा सकता है. पहले दिनों में केस की वृद्धि को एक फीसदी से भी कम रखने में कामयाब रहा है. इस रिकॉर्ड को बनाए रखना भी एक मुश्किल काम है.
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ओमीक्रॉन से मुकाबले को लेकर राज्य सरकार की तैयारियों पर डॉ. राव ने बताया कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हेल्थकेयर सिस्टम, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन पर कितना भी निवेश किया जाए. कोविड-19 और नए वेरिएंट ओमीक्रॉन को रोकने के लिए यह तरीका ज्यादा स्मार्ट और सुरक्षित साबित होगा.
कोरोना की तीसरी लहर जैसा कोई संकेत नहीं
डॉ. राव ने कहा कि कोरोना की किसी भी लहर की आशंका को जनभागीदारी से रोका जा सकता है. आम लोगों को कोरोना से जंग के लिए आगे आना होना और कोविड-19 के मुताबिक सुरक्षा उपाय अपनाने होंगे. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि इन मामलों को देश में कोरोना की तीसरी लहर जैसा कोई संकेत नहीं माना जा सकता. हां, इससे ये सबक लिया जा सकता है कि लोगों को अभी कोरोना पर जीत का जश्न नहीं मनाने लगना चाहिए. हमें अभी सावधानी का दामन नहीं छोड़ना चाहिए.
HIGHLIGHTS
- तीसरी लहर की आशंका को जनभागीदारी से रोका जा सकता है
- कोरोना की तीसरी लहर जैसा कोई संकेत नहीं
- केस बढ़ने लगे तो रोकने के लिए प्रतिबंध से इनकार भी नहीं