Coronavirus Infection : विश्वभर में कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉम (Omicron Variant) तेजी से फैल रहा है. भारत में कोरोना की तीसरी लहर की वजह यह वैरिएंट ही है. दिल्ली में ओमिक्रॉन वैरिएंट के कम्युनिटी ट्रांसमिशन के साक्ष्य पाए गए हैं. इस बात का खुलासा एक स्टडी से हुआ है. इस स्टडी में उन सभी लोगों को शामिल किया गया था, जो ओमिक्रॉन से संक्रमित थे. इस अध्ययन में खुलासा हुआ है कि दिल्ली में ब्रेकथ्रू इंफेक्शन के केस बढ़े, हॉस्पिटलों में भर्ती होने की दर घटी और अधिकतर संक्रमित व्यक्तियों में कम लक्षण उभरे थे.
इस अध्ययन में शामिल शोधकर्ताओं का कहना है कि संक्रमण के केसों में ओमिक्रॉन ने डेल्टा को पीछे छोड़ दिया है और इससे कम्युनिटी ट्रांसमिशन रहा. देश में हुई यह पहली स्टडी है जिसमें दिल्ली में इस वैरिएंट के सामुदायिक संक्रमण के साक्ष्य पाए गए हैं. इस वैरिएंट की वजह से लोग फिर से या दोबारा कोविड से संक्रमित हुए.
इस स्टडी से पता चला है कि ओमिक्रॉन से संक्रमित 60.9 प्रतिशत मरीजों के पास कोई इंटरनेशनल ट्रेवल का रिकॉर्ड नहीं था, इसलिए स्थानीय स्तर पर ही संक्रमण फैला है. इस प्रकार का कम्युनिटी ट्रांसमिशन भविष्य में चुनौती का कारण भी बन सकता है.
न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार, दिल्ली में इस स्टडी के जरिए इस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलियरी साइंसेज के क्लिनिकल वायरोलॉजी विभाग ने ओमिक्रॉन के शुरुआती कम्युनिटी ट्रांसमिशन का पता लगाया है. इस स्टडी के मुताबिक, ओमिक्रॉन वैरिएंट के 60 फीसदी केस बिना लक्षण वाले थे और उन्हें अस्पतालों में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं पड़ी, जबकि 87 फीसदी लोग वैक्सीनेटेड थे. वहीं, 61 प्रतिशत मामलों में कम्युनिटी ट्रांसमिशन का पता चला है.
इस स्टडी में यह भी पाया गया है कि बच्चों और बुजुर्गों के मुकाबले में युवा और पुरुष अधिक संक्रमित हुए हैं. बड़ी आबादी में कोविड से जुड़ी प्रतिरोधक क्षमता में कमी आई है. इनमें वैक्सीन और नेचुरल तरीके से विकसित एंटी बॉडीजसे जुड़े केस शामिल हैं. शोधकर्ताओं ने ओमिक्रॉन पर नियंत्रण को बूस्टर डोज की जरूरत पर जोर दिया है.
Source : News Nation Bureau