महामारी कोरोनावायरस की चपेट में आकर पूरी दुनिया में अबतक लाखों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. इस भयानक संक्रमित वायरस को खत्म करने के लिए दुनियाभर के साइंटिस्ट और डॉक्टरों की टीम जुटी इसकी वैक्सिन बनाने में जुटी हुई है. कोरोना पर लगातार कई स्टडी और रिसर्च की जा रही है, जिससे पता लगाया जा सके कि इस वायरस का खात्म कैसे किया जा सकता है. वहीं बता दें कोरोना वायरस के कारण सबसे ज्यादा मौतें बुजुर्ग या फिर डायबिटिज मरीजों की हो रही है.
हाल ही में फ्रांस में हुए एक स्टडी में चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है. इस स्टडी के मुताबिक, कोरोना से मरनेवाले मरीजों में उन मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जो पहले से ही डायबिटीज से ग्रसित हैं.
ये भी पढ़ें: आने वाले 5 सालों में 6.9 करोड़ लोग होंगे Diabetes के शिकार
स्टडी में पाया गया है कि डायबिटीज के जिन मरीजों को कोरोना का संक्रमण हो जाता है, ऐसे 10 मरीजों में से एक मरीज सिर्फ 7 दिनों के अंदर ही दुनिया छोड़ रहा है. इतना ही नहीं शुगर के मरीज जो कोरोना संक्रमित हैं, उनमें हर 5 में से एक पेशंट को वेंटिलेटर की जरूरत पड़ रही है.
'डायाबिटोलॉगिया' जर्नल में प्रकाशित स्टडी के मुताबिक, डायबिटिज मरीजों के लिए कोरोना अधिक लीथल साबित हो रहा है. मालूम हो कि यह एक मेडिकल जर्नल है और इसका मासिक प्रकाशन किया जाता है, ये यूरोपियन एसोशिएशन फॉर द स्टडी ऑफ डायबिटीज का ऑफिशल जर्नल है.
शोध में जो एक और बात सामने आई है, वह यह है कि कोरोना का शिकार होकर जीवन और मृत्यु के संकट में फंसनेवाले अधिकतर डायबिटिज के मरीज डाइप-2 डायबिटीज का शिकार हैं. डाइप-2 डायबिटीज हमारे खान-पान और जीवनशैली के कारण होनेवाला डायबिटिज का रोग है.
स्टडी में यह सामने आया है कि इन मरीजों में पुरुषों की संख्या अधिक है। यानी शुगर के पुरुष मरीज कोरोना की चपेट में जल्दी आ रहे हैं और दिक्कत तब और बढ़ जाती है, जब इनकी उम्र 65 के आस-पास हो। हालांकि स्टडी में जो केस देखे गए उनमें पेशंट्स की उम्र 70 के करीब थी.
विशेषज्ञों के मुताबिक, डायबिटीज ऐसी बीमारी है कि जो मरीज के अंदर इंफ्लूएंजा इंफेक्शन की चपेट में जल्दी आने का खतरा बढ़ा देती हैं. कोरोना भी वायरस जनित एक श्वसंन संबंधी रोग ही है, जो इंफ्लूएंजा की तरह ही शरीर पर अटैक कर अपनी पकड़ बनाता है.
डायबिटीज मरीजों के लिए डॉक्टर्स की सलाह-
- डायबिटीज से पीड़ित मरीजों को इस समय हल्का और आधा पेट खाना लेना चाहिए. इसके साथ ही सुबह का नाश्ता भरपूर करना चाहिए. रात का खाना आठ बजे से पहले और आधा पेट करना चाहिए और रात के खाने के दो घंटे बाद ही सोना चाहिए.
- आज के समय में बाहर टहलने की मनाही है इसलिए घर पर ही टहलें. कब्ज न हो, इसका विशेष ध्यान रखना है. इसके लिए खाना खाने के एक घंटे बाद गुनगुने पानी का सेवन करें. यदि दवा की जरूरत है तो खाने से पहले हिंगवाष्टक चूर्ण और भोजन करने के एक घंटे बाद त्रिफला चूर्ण क्वाथ का सेवन जरूर करें.
- डायबिटीज में विशेष रूप से दूध और दूध के अन्य विकार (पनीर इत्यादि) और दही आदि भी कम मात्रा में और जहां तक संभव हो दोपहर से पहले लेने चाहिए. फिर भी डायबिटीज नियंत्रित नहीं हो रहा है तो डक्टर की सलाह लेनी चाहिए.
- अगर एलोपैथिक दवाओं का सेवन कर रहे हैं तो निगरानी जरूरी होती है क्योंकि शरीर में प्रतिक्रियाएं बढ़ जाती हैं. ऐसे में हमें एलोपैथिक दवाओं की डोज कम करने की आवश्यकता होती है.