इन दोनों कोरोना वायरस की लहर चरम सीमा पर है. जिसके कारण आज जिस किसी को भी हल्का-सा सर्दी या जुकाम भी होता है. तो वो डर जाता है कि कहीं उसे कोरोना तो नहीं हो गया. वैसे तो आज लोगों का ये सोचना गलत नहीं है. लेकिन, हमेशा यही सोचना सही भी नहीं है. लेकिन, फिर भी हर हालत में सावधानी तो बरतनी ही चाहिए. हर किसी में ये डर देखते हुए आज हम आपको कुछ ऐसी बातें बताएंगे जिससे ये पता चलेगा कि क्या सिर्फ बहती हुई नाक और गले दर्द के कारण ही कोरोना हो जाता है. या इसका कारण कुछ और है.
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केवल बहती नाक और जुकाम को देख कर यह कहना बेहद मुश्किल है कि कोल्ड, फ्लू या कोविड-19 से संक्रमित है. इसलिए यह बेहद जरूरी है कि आप कोरोना के दूसरे लक्षणों पर ध्यान दें. जैसे कि बुखार, सांस लेने में दिक्कत और सूखी खांसी हो सकती है. सांस लेने में दिक्कत होना कॉमन कोल्ड और कॉमन फ्लू के लक्षण नहीं है. यह सिर्फ कोविड-19 का लक्षण है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) के अनुसार सूखी खांसी और बुखार कोरोना के शुरुआती लक्षण हो सकते है लेकिन बेहता नाक और जुकाम नहीं.
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अक्सर देखा जाता है कि कोविड-19 के मरीज़ों में अचानक से स्मेल महसूस होना बंद हो जाता है. उनमें आम तौर पर नाक बंद होने, भर जाने या बहती नाक की समस्या नहीं होती है. बल्कि कोरोना वायरस से संक्रमित ज़्यादातर लोग सामान्य तौर पर सांस ले पाते हैं. जहां एक तरफ सामान्य सर्दी में ठंड लगने के कारण सर्दी-जुकाम होना आम बात है. आंख, नाक और कान के माध्यम से ठंडी हवा लगने से या फिर ठंडे वातावरण में ठंडी चीजें ज्यादा खाने से भी सर्दी हो जाती है. बहती नाक, छींक, गले में दर्द जैसे लक्षण आम बुखार, शरीर या मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द और थकान दो से तीन दिन तक संक्रमण के लक्षण दिखते हैं. सर्दी में जटिल मामले बेहद कम या नहीं के बराबर होते हैं.
सामान्य दवाओं या घरेलू उपचार से ज्यादातर एक हफ्ते के भीतर भी ठीक हो सकते हैं. ये सभी लक्षण वायरल इंफेक्शन के भी हो सकते हैं.
वहीं दूसरी तरफ कोरोनावायरस की शुरुआत अचानक हो सकती है. जिसके लक्षण बुखार, सूखी खांसी, मांसपेशियों में दर्द, थकानहोते हैं. सिरदर्द, खून वाली खांसी और दस्त
संक्रमण भी इसके साइन होते हैं. कोरोना से पीड़ित मामलों में 5 फीसदी जटिल मामले हो सकते हैं. इनमें निमोनिया, सांस लेने में परेशानी, मल्टीपल आर्गन फेल्योर जैसे मामले सामने आते हैं.
वैसे तो इस बीमारी की वैक्सीन आ गई है. लेकिन, जरूरी नहीं कि वैक्सीन लगाने के बाद भी बचा जा सकता है. कोविड की वैक्सीन से आपको गंभीर बीमारियों से बचा सकती है. लेकिन, फिर भी सावधानी बरतना बेहद जरूरी है. वैसे तो वैक्सीन लगाए गए लोगों में कोविड साइन क्लासिक बीमारियों से अलग होते हैं, इसलिए नाक, सिर दर्द और गले में खराश को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए. यह आमतौर पर ठंड, फ्लू या एलर्जी का एक लक्षण है. लेकिन रिसर्चर्स के अनुसार, यह अब सफलता कोविड मामलों के बीच आम है. कोरोना के समय में किसी भी तरह का इंफेक्शन जानलेवा हो सकता है. साथ ही किसी दूसरे व्यक्ति को भी संक्रमित कर सकता है. इसलिए इस महामारी में अपने डॉक्टर से सलाह लें साथ ही सावधानी भी बरतें.
Source : News Nation Bureau