मुंह का कैंसर दुनिया के दस सबसे आम कैंसरों में से एक माना जाता है, मगर इसका पूर्वानुमान करना बाकि की तुलना में बहुत मुश्किल है. दरअसल ऐसा इसलिए क्योंकि, इसके शुरुआती दौर में, जब ये छोटा होता है तो आमतौर पर इसकी पहचान नहीं हो पाती है. आपको जानकर हैरान होगी कि, इस तरह का कैंसरा जहां यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका जैसे देशों में लगभग 55 से 75 साल की उम्र में होता है, तो वहीं भारत में यह महज 40 से 45 साल की उम्र में नजर आने लगता है.
गौरतलब है कि मुंह का कैंसर आमतौर पर कुछ ही जगहों पर होता है, जैसे होंठ, जीभ, मुंह के निचले हिस्से और तालू यानि palate में. हालांकि इसके कई लक्षण होते हैं, जिनसे इसका पता लगाया जा सकता है. उदाहरण के तौर पर इसमें ढीले दांत, होंठों पर न ठीक होने वाले घाव, निगलने में कठिनाई, गर्दन में गांठ, बोलने के तरीके में बदलाव और मुंह में खून आने जैसे लक्षण शामिल हैं. न सिर्फ इतना, बल्कि इससे जीभ, मसूड़ों या मुंह पर सफेद या लाल धब्बे देखे जा सकते हैं. साथ ही साथ वजन में गिरावट भी दर्ज की जा सकती है.
ये हैं बचाव के उपाय...
1. तंबाकू को कहें ना:
हर संभव कोशिश किसी भी तरह के तंबाकू के प्रकार के सेवन से बचें. दरअसल तंबाकू चबाने और धूम्रपान करने से 90 प्रतिशत से ज्यादा मुंह के कैंसर देखा गया है. लिहाजा तंबाकू के उपयोग पर रोक इस तरह के कैंसर से बचने का एक महत्वपूर्ण जरिया है.
2. कम मसाले वाला आहार:
यह सलाह दी जाती है कि आप कम मात्रा में मसाले और मिर्च का सेवन करें, क्योंकि ये सबम्यूकोसल फाइब्रोसिस का कारण बन सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप बाद में मुंह का कैंसर हो सकता है.
3. अच्छी मौखिक स्वच्छता बनाए रखें:
अगर आप रोजाना दो बार ब्रश करते हैं, तो इस तरह के कैंसर से बचाव संभव है. ध्यान रहे कि बढ़ती उम्र के साथ अपने दंतों और मौखिक स्वच्छता का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है. साथ ही मुंह से जुड़ी किसी भी छोटे-मोटे घाव को नजरअंदाज न करें, बल्कि फौरन डॉक्टर से सलाह लें.
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