भारत में कोरोना वायरस (Corona Virus) के मामले 12 लाख के पार जा चुके हैं. इस बीच राहत भरी खबर ऑक्सफॉर्ड विश्वविद्यालय की ओर से मिली है. ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और एस्ट्राजेनेका द्वारा तैयार टीके का भारत (India) में प्रोडक्शन भी शुरू हो गया है. इस टीके का उत्पादन पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में किया जा रहा है. यह टीका ह्यूमन ट्रायल के तीसरे चरण में पहुंच चुका है. सरकार की मंजूरी मिलते ही यह बाजार में कमर्शियल इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होगा.
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उत्साहजनक प्रारंभिक परीक्षणों के परिणाम कुछ दिन पहले ऑक्सफोर्ड द्वारा जारी किए गए थे. माना जा रहा है कि टीका अब ह्यूमन ट्रायल परीक्षणों के तीसरे चरण में है. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने भारत में उपयोग के लिए इस वैक्सीन का निर्माण पहले ही शुरू कर दिया है. एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, सीरम इंस्टीट्यूट के कार्यकारी निदेशक सुरेश जाधव का कहना है कि कंपनी अगस्त के आखिरी तक 2-3 मिलियन खुराक बना सकती है.
सीरम इंस्टिट्यूट मात्रा के हिसाब से दुनिया की सबसे बड़ी टीका विनिर्माता कंपनी है. कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अदर पूनावाला कंपनी वैक्सीन की लगभग एक बिलियन खुराक का निर्माण करेगी जो न केवल भारत के लिए बल्कि अन्य कम आय वाले देशों को भी सहायता प्रदान करेगी.
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अदर पूनावाला ने कहा, 'सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित किए जा रहे कोविड -19 वैक्सीन की 1 बिलियन खुराक का उत्पादन और आपूर्ति करने के लिए बायोफार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका के साथ भागीदारी की है. ये टीके भारत और दुनिया भर के मध्यम और निम्न-आय वाले देशों के लिए होंगे.'
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि वैक्सीन की कीमत 1,000 रुपये प्रति खुराक रखी जाएगी. इसके लिए इस बात का ध्यान रखा गया है कि टीका की जरूरत सभी संप्रदायों और वर्गों के लोगों को होगी. इस टीके के अगले साल की शुरुआत में बाजार में आने की संभावना है.