इंडियन सोसाइटी फॉर क्रिटिकल केयर मेडिसीन विभाग ने देश में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका जाहिर की है.. साथ ही स्वास्थ्य विभाग से कहा है कि हमें भविष्य को देखते हुए अभी से अलर्ट रहने की जरुरत है. हमारे corona के गंभीर मरीजों की देखभाल के लिए भी प्ररिशिक्षित स्टाफ पूरा नहीं है. जो चिंता का विषय है. (आईएससीसीएम) ने कोविड-19 की तीसरी लहर की आशंका जताते हुए केंद्र सरकार से प्रशिक्षित कर्मियों से लैस एवं पूर्ण रूप से क्रियाशील गंभीर मरीज देखभाल इकाइयां स्थापित करने का शनिवार को अनुरोध किया.
वरिष्ठ डॉ दीपक गोविल ने कहा, "गंभीर मरीज देखभाल विशेषज्ञों, नर्सों और तकनीशियनों की देश में भारी कमी है.. जो महामारी के दौरान खुल कर सामने आई. हालाकि महामारी के बाद कुछ भर्तियां हुई हैं.. लेकिन वह प्रयाप्त नहीं है. यदि तीसरी लहर ने दस्तक दे दी तो संसाधनों की कमी के चलते हमे परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.. आपको बता दें कि आईएससीसीएम ने अपना 28वां स्थापना दिवस मनाते हुए दो दिवसीय अनुसंधान सम्मेलन का अयोजन किया, जिसका उद्देश्य भारतीय चिकित्सकों को निकट भविष्य में क्लिनिकल अनुसंधान के अग्रिम पंक्ति में लाने की कोशिश करना है.
चिकित्सकों ने कहा कि हमे तीसरी लहर को बिल्कुल हल्के में लेने की जरुरत नहीं है. क्योंकि अब इसकी प्रबल आशंका दिखाई दे रही है. लहर का असर कम करने के लिए हमे कोविड-19 का पूरा प्रोटोकॅाल याद रखना है.. देशभर से आई मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अब जनता पहले की तरह जीवन व्यापन करने लगी है.. मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का किसी को ख्याल नहीं है..
HIGHLIGHTS
- चिकित्सकों ने गंभीर मरीज की देखभाल के लिए स्टाफ की कमी जाहिर की
- साथ ही ऐसे मरीजों की देखभाल के विशेष यूनिट लगाने के लिए कहा
- आईएससीसीएम ने अपना 28वां स्थापना के अवसर पर किया केन्द्र को अलर्ट
Source : News Nation Bureau