Advertisment

PCOD: कम उम्र में भी लड़किया हो रहीं पीसीओडी की शिकार, जानें लक्षण और बचाव के उपाय

जिन लड़कियों को पीसीओडी (PCOD) की समस्या होती है उन्हें बाद में गर्भधारण की समस्या भी आ सकती है.

author-image
Amita Kumari
New Update
pcod

pcod( Photo Credit : सोशल मीडिया)

Advertisment

PCOD: पीसीओडी (PCOD) लड़कियों में आम समस्या बनती जा रही है. इसके लक्षणों और इलाज पर बात करने से पहले ये जान लेना जरूरी है कि पीसीओडी (PCOD) क्या है. पीसीओडी (PCOD) का मतलब है पॉलीसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर. यह समस्या लड़कियों में हार्मोन के असंतुलन से पैदा होती है. इसमें ओवरी में सिस्ट या गांठ बनने लग जाती है. डॉक्टर के मुताबिक यह लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारी है. पीसीओडी में महिलाओं के शरीर में पुरुष हार्मोम की मात्रा बढ़ जाती है, जिसके कारण पीरियड्स साइकल में भी गड़बड़ी होने लगती है. 

जिन लड़कियों को पीसीओडी (PCOD) की समस्या होती है उन्हें बाद में गर्भधारण की समस्या भी आ सकती है. इससे गर्भधारण के बाद मिसकैरेज होने का डर भी बना रहता है. लेकिन, ऐसा नहीं है कि महिलाओं के इस हार्मोनल प्रॉब्लम का समाधान नहीं है. आप लाइफस्टाइल में बदलाव और डॉक्टर की सलाह पर अमल करके इस समस्या से छुटकार पा सकती हैं. तो आइए जानते हैं इसके लक्षण और इलाज.

PCOD के लक्षण
पीसीओडी (PCOD) के लक्षणों की बात करें तो जिन लड़कियों को यह समस्या होती है उनके पीरियड्स सही समय पर नहीं आते. पीरियड्स के समय पेट में दर्द भी बढ़ जाता है और कितनी बार पीरियड्स 3-4 महीनें तक रुक भी जाते हैं. कई लड़कियों को इस दौरान ब्लीडिंग भी ज्यादा होती है. पीसीओडी (PCOD) के कारण लड़कियों का वजन भी बढ़ने लगता है. इससे त्वचा संबंधी बीमारियां भी लड़कियों में होने लगती है और चेहरे पर पिंपल भी निकलने लगता है. 

यह भी पढ़ें: Pregnancy Food: प्रेगनेंसी में अंजीर खाने से होते हैं कई फायदे, जानिए कैसे करें सेवन

जिन महिलाओं में पीसीओडी (PCOD) की समस्या होती है उन्हें थकान होने लगती है और नींद की समस्या भी लगातार बनी रहती है. हार्मोन के असंतुलन से बाल भी झड़ने लगते हैं. कितनी बार लड़कियों के चेहरे पर अनचाहे बाल भी आ जाते हैं. इसके साथ ही सिरदर्द की समस्या भी होने लगती है. 

PCOD का इलाज
पीसीओडी (PCOD) के इलाज की बात करें तो इसके लिए डॉक्टर कुछ जांच करते हैं जैसे पेल्विक जांच जिसमें महिलाओं के प्रजनन अंगो का टेस्ट किया जाता है. इसके साथ ही गर्भाशय का अल्ट्रासाउंड करके भी ओवरी में सिस्ट की जांच की जाती है. डॉक्टर स्थिति के हिसाब से हार्मोंनल दवाइयां देते हैं, जिससे शरीर में हार्मोन का संतुलन बना रहता है. साथ ही पीसीओडी (PCOD) के लक्षणों का भी उपचार किया जाता है. 

इसके साथ ही पीसीओडी को कंट्रोल करने के लिए लाइफ स्टाइल संबंधी बदलाव करने की भी जरुरत होती है. खान पान का भी पूरा ध्यान रखना होता है. जंक फूड, फास्ट फूड और मैदे से बनी चीजों को बिल्कुन नहीं खाना चाहिए. इसके साथ ही खाने में फल, हरी पत्तेदार सब्जियां और अंकुरित चाजों का सेवन नियमित रूप से करना चाहिए. व्यायाम और मॉर्निंग वॉक भी रोजाना करना चाहिए. इससे आपको पीसीओडी (PCOD) की समस्या राहत मिल सकती है. 

news-nation news nation news nation health news pcos PCOD hormonal disease PCOD in girls PCOD causes PCOD remedies PCOD symptoms Polycystic Ovarian Disease
Advertisment
Advertisment