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शहर-शहर 'किलर हवा' का कहर है, धीरे-धीरे लेती है जान! कहीं आप तो नहीं आ रहे चपेटे में

शहर-शहर साइलेंट किलर का शिकंजा है. इसके निशाने पर हर वो शख्स है जो जिन्दा है. वो एक झटके में मौत नहीं देता. उसका जहर धीरे-धीरे फैलता है. वो दिखता नहीं है, लेकिन यत्र तत्र सर्वत्र सब जगह उसका जहर है.

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Prashant Jha
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जहरीली हवा बनी जानलेवा ( Photo Credit : प्रतीकात्मक चित्र)

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हिन्दुस्तान के शहरों की हवा में जहर है. ये बात तो बहुत पहले साफ हो चुकी है. खौफनाक बात यह है कि ये जहर जनसंहार कर रहा है और हमें अभी तक इसका एहसास तक नहीं है. सिंगापुर के नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स अध्ययन में डराने वाली जानकारी का खुलासा हुआ है. इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 40 साल में 2 करोड़ 61 लाख लोगों की वक्त से पहले मौत प्रदूषण से हुई है. यानि हर एक साल में 6 लाख 52 हजार मौत. इसका बारीक अध्ययन करें तो हर दिन करीब 1787 लोगों की जान गई है. हर एक घंटे में प्रदूषण से 74 लोगों की जान जा रही है. यानि तीन मिनट में 4 लोगों की मौत हुई. जिस प्रदूषण से सबसे ज्यादा मौत हो रही है वो है पीएम 2.5 प्रदूषण. पीएम 2.5 कणों से होने वाला प्रदूषण हिन्दुस्तान के लिए भी बेहद खतरनाक है. जहरीली हवा की वजह से कई तरह की बीमारियां भी बढ़ती जा रही है. जैसे अस्थमा
, निमोनिया, ब्रेन स्ट्रोक, फेंफड़ों का कैंसर, दिल की बीमारी और लोअर रेस्पीरेट्री इनफेक्शन जैसी बीमारियां लोगों को घर कर रही है. ये वो बीमारियां हैं जो वायु प्रदूषण की वजह से समय से पहले लोगों को मौत दे रही है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक क्लाइमेट चेंज की वजह से पीएम 2.5 कणों के प्रदूषण में लगातार इजाफा हो रहा है.  हालात बद से बदतर हो चुके हैं. इसकी वजह से अकाल मृत्यु में 14 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. यह समझने के लिए कि पीएम 2.5 प्रदूषण मृत्युदर पर कैसे असर डालता है, इसके लिए रिसर्चर्स ने नासा के उपग्रह से मिले आंकड़ों का अध्ययन किया. वायु प्रदूषण हिन्दुस्तान के साथ पूरी दुनिया में कहर बरपा रहा है.

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दुनिया में हर साल 90 लाख लोगों की मौत की वजह जहरीली हवा 

दुनिया में हर साल 90 लाख लोगों की मौत जहरीली हवाओं से हो रही है. लांसेट की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदूषण हर साल करीब 90 लाख लोगों की मौत हो रही है, इसमें सबसे ज्यादा बुरा असर भारत पर हो रहा है. प्रदूषण की वजह से भारत में हर साल करीब 10 लाख लोगों की मौत हो जाती है, इसमें भी सबसे ज्यादा मौत साल 2019 में हुई. इस साल करीब 23 लाख लोगों की जान किलर हवा से हुई. इसमें इंडस्ट्रियल पॉल्यूशन ने हवा में बहुत टॉक्सिन और केमिकल पाए जाते हैं हैं जिससे हवा में प्रदूषण बहुत बढ़ गया है. 

चीन और भारत में सबसे ज्यादा प्रभाव

दुनियाभर में साल 1980 से 2020 तक  लगभग 13.5 करोड़ लोगों की असामयिक मौत हुई. चीन में 40 साल में 4 करोड़ 90 लाख लोगों की जान गई. हालात दूसरे देशों में भी बेहद खराब हैं. पाकिस्तान और बांग्लादेश में हर साल 20 से 50 लाख लोगों की मौत हो रही है. यानि पूरी दुनिया पर किलर हवा का शिकंजा कस चुका है। अफसोस की बात है कि इससे जुड़ी डरावनी रिपोर्ट आने के बावजूद कोई कदम नहीं उठाए जा रहे.

Source : News Nation Bureau

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