इस वक्त में दिल के दौरे यानी हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ते ही जा रहा है. बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को दिल के बीमारी का खतरा होता है. हार्ट अटैक, हृदय से जुड़ी बीमारी एक गंभीर समस्या है. सही समय पर इलाज नहीं मिल पाता है, तो मरीज की मौत होने की भी संभावना होती है. माना जाता है कि खराब जीवनशैली, तनाव, चिंता और अन्य वजहों के चलते लोग इस बीमारी के शिकार हो जाते हैं. पुरुष के लिए 45 साल से ज्यादा और महिलाओं के लिए 55 वर्ष से अधिक उम्र होने पर दिल का दौरा पड़ने की संभावना अधिक होती है. लेकिन ब्लड ग्रुप के हिसाब से भी हार्ट अटैक का खतरा अधिक होने की संभावना हो सकती है. कहा जाता है कि यदि नॉन-O ब्लड टाइप है, तो ऐसे लोगों को और अधिक सावधान रहने की जरूरत है.
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एक अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, एक शोध में यह पता चला है कि नॉन-O ब्लड टाइप वाले लोगों में दिल का दौरा पड़ने का जोखिम अधिक होता है. रक्त का प्रकार हार्ट अटैक को कैसे बढ़ा सकता है, इसको लेकर शोधकर्ताओं ने अध्ययन किया. स्टडी में करीब 4 लाख से अधिक लोगों का विश्लेषण किया गया. इसमें पाया गया कि ब्लड टाइप A या B वाले लोगों में O ब्लड ग्रुप वालों की अपेक्षा दिल के दौरे का जोखिम 8 प्रतिशत अधिक होता है.
शोधकर्ताओं ने नॉन-O ब्लड टाइप A और B की तुलना भी की. स्टडी में पता चला कि B ग्रुप वाले लोगों में हार्ट अटैक का खतरा अधिक होता है. B ग्रुप ब्लड वाले लोगों में O ग्रुप वाले लोगों के मुकाबले मायोकार्डियल इनफार्कशन (हार्टअटैक) का खतरा अधिक रहता है. वहीं A ग्रुप वाले लोगों में O ब्लड ग्रुप वाले लोगों की अपेक्षा 11 फीसदी अधिक हार्ट फेलियर का खतरा रहता है.
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हार्ट अटैक के प्रमुख कारण:-
कहा जाता है कि व्यस्त जीवन शैली के कारण अनियमित आहार, जंक फूड खाना, या अधिक मसालेदार भोजन दिल के दौरे का कारण बन सकते हैं. उच्च रक्तचाप के वजह से भी हृदय पर अनावश्यक तनाव के चलते हार्टअटैक हो सकता है. मानसिक तनाव से जूझने वाले लोग भी दिल के दौरे के जोखिम का सामना कर सकते हैं. धूम्रपान और मादक द्रव्यों का सेवन करने से भी दिल के दौरे का खतरा होता है. इसके अलावा अधिक मात्रा में वजन बढ़ जाने से भी दिल पर दौरा पड़ने की संभावना रहती है.