कोरोना संक्रमण (Corona Epidemic) के खिलाफ जंग में अमेरिकी फार्मा कंपनी फाइजर की एक और गोली शामिल हो गई है. फाइजर की पैक्सलोविड (Paxlovid) टैबलेट को फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने इस्तेमाल के लिए हरी झंडी दे दी है. अमेरिका की यह पहली ऐसी टैबलेट है, जिसे घर पर कोविड-19 (COVID-19) उपचार में प्रयोग में लाया जाएगा. इसके तहत अब 12 साल या उससे ऊपर वय के उच्च जोखिम वाले कोरोना संक्रमित लोग पैक्सलोविड टैबलेट का सेवन कर सकेंगे. हालांकि अभी भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से इस टैबलेट के ग्रीन सिग्नल का इंतजार बाकी है।
ओमीक्रॉन के खिलाफ 90 फीसदी कारगर
दुनियाभर में ओमीक्रॉन के बढ़ते खतरे देखते को हुए इसे कोरोना से जंग में एक कारगर हथियार माना जा रहा है. फाइज़र ने दावा किया था कि उसकी एंटीवायरल ड्रग कोरोना संक्रमितों के अस्पताल में भर्ती होने और मौत के खतरे को 89 फीसदी तक कम करती है. यही नहीं, एक हफ्ते पहले फाइज़र ने यह भी दावा किया था कि पैक्सलोविड ओमीक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ 90 फीसदी कारगर है. कंपनी ने बताया था कि लैब डेटा से साबित हुआ है कि ओमीक्रॉन से संक्रमित लोगों में ये एंटी वायरल दवा हॉस्पिटलाइजेशन और मौत का खतरा 90 प्रतिशत तक कम कर देगी.
कोरोना की पहली दवा
इसे कोरोना की पहली दवा भी कहकर प्रचारित किया गया था. अमेरिका समेत दुनिया भर के अधिकांश देशों में इस समय कोरोना के इलाज के लिए इंजेक्शन का ही इस्तेमाल किया जा रहा है. एक अन्य अमेरिकी दवा निर्माता कंपनी मर्क ने भी दावा किया था कि उसने कोविड-19 के खिलाफ जो दवा तैयार की है, वह खतरनाक ओमीक्रॉन वेरिएंट पर भी असरदार होगी. गौरतलब है कि मर्क कंपनी ने कोविड-19 के खिलाफ एंटीवायरल दवा मॉलनुपिराविर विकसित की है. इस दवा को अभी अमेरिकी नियामक से मंजूरी मिलना बाकी है. मर्क को उम्मीद है कि उसकी यह दवा ओमीक्रॉन वेरिएंट पर भी असरदार होगी.
HIGHLIGHTS
- अस्पताल में भर्ती होने और मौत के खतरे को करती है 89 फीसदी कम
- दुनिया में तहलका मचाए ओमीक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ है 90 फीसद प्रभावी
- 12 साल या उससे ऊपर के उच्च जोखिम वाले कोरोना संक्रमित खा सकेंगे