कोरोना महामारी (Corona Epidemic) से जूझ रहे दिल्ली को इस वक्त सबसे ज्यादा परेशानी आइसीयू बेड (ICU Bed) को लेकर हो रही है. पिछले कुछ दिनों में, खासकर लगभग 20 अक्टूबर के बाद से दिल्ली के अंदर कोरोना के केस (Corona Cases) बड़ी तेजी से बढ़ने लगे हैं. इस समय दिल्ली मे कोविड बेड जरूरत के अनुसार ठीक-ठाक सख्या में है, लेकिन कोविड के आइसीयू बेड बहुत तेजी से भरते जा रहे हैं. हाल ही में दिल्ली सरकार द्वारा किए गए एक आकंलन के मुताबिक, दिल्ली में प्रतिदिन सामने आने वाले नए कोरोना रोगियों की संख्या 15,000 तक पहुंचने की आशंका है. इसी को देखते हुए दिल्ली सरकार राजधानी में आईसीयू बेड की क्षमता बढ़ाने का प्रयास कर रही है. इस प्रयास में दिल्ली को केंद्र सरकार का भी साथ मिला है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, दिल्ली सरकार ने भी आईसीयू बेड बढ़ाए, उसके लिए हमें जिन मशीनों की जरूरत है, उसको देने में केंद्र सरकार मदद करेगी. उसकी मदद से हम दिल्ली सरकार के अस्पतालों में और आइसीयू बेड बढ़ा सकते हैं. दिल्ली सरकार ने आने वाले सप्ताह में प्रतिदिन 15 हजार कोरोना वायरस के मरीज आने की आशंका के मद्देनजर बेड बढ़ाने का अनुरोध किया था.
दिल्ली सरकार के मुताबिक कोविड-19 मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए विभिन्न अस्पतालों में बेड़ बढ़ाने के लिए बहुत गंभीरता से ध्यान दिया है. दिल्ली सरकार ने सभी निजी अस्पतालों से कोविड मरीजों के लिए बेड की संख्या बढ़ाने और कोरोना मरीजों के लिए 80 फीसदी बेड आरक्षित करने के लिए कहा है.
पिछले सप्ताह दिल्ली उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को कोरोना के मरीजों के लिए 33 निजी अस्पतालों में 80 फीसदी आईसीयू (गहन चिकित्सा इकाई) बेड दो सप्ताह के लिए आरक्षित करने की अनुमति दे दी है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना की गंभीर स्थिति को देखते हुए हाइकोर्ट ने कानूनी रोक को हटाते हुए यह आदेश दिया है.
आज की तारीख में 16,641 कोविड बेड पूरी दिल्ली के अस्पतालों में हैं. इसमे 5451 बेड दिल्ली सरकार के अस्पतालों में है, जबकि केंद्र सरकार के अस्पतालों में 3721 बेड हैं और शेष बेड अन्य अस्पतालों से उपलब्ध कराए गए हैं.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, "इससे पहले भी जब दिल्ली सरकार ने केंद्र से समर्थन मांगा था, उसने हमेशा सकारात्मक सहयोग दिया है और जब भी आवश्यकता हो, राज्य को बेड, चिकित्सा सुविधा और अन्य सहायता प्रदान की है. दिल्ली मॉडल को व्यापक रूप से हर एजेंसी द्वारा स्वीकार किया गया था. सरकार के विभिन्न एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय की वजह से दिल्ली कोविड मामलों को नियंत्रित करने में कामयाब रहा."
Source : IANS