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दीवाली पर पटाखे खरीदते और जलाते समय जरूर बरतें ये सावधानी

आतिशबाजी न केवल प्रदूषण बढ़ाती है, बल्कि आतिशबाजी के दौरान होने वाली थोड़ी-सी भी लापरवाही हमारे लिए बहुत घातक हो सकती है।

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Aditi Singh
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दीवाली पर पटाखे खरीदते और जलाते समय जरूर बरतें ये सावधानी
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दिवाली रोशनी का त्योहार है। पूरा देश आतिशबाजी और रोशनी की दमक से सराबोर हो जाता है। बच्चे तो बच्चे बड़े भी इसकी मस्ती में खो जाते हैं। लेकिन इसका दूसरा पक्ष यह भी है कि इस दिन होने वाली आतिशबाजी न केवल प्रदूषण बढ़ाती है, बल्कि आतिशबाजी के दौरान होने वाली थोड़ी-सी भी लापरवाही हमारे लिए बहुत घातक हो सकती है।

दिवाली के दौरान आतिशबाजी से जलने की घटनाओं से हम अच्छी तरह परिचित हैं, लेकिन सवाल यह उठता है कि इस तरह की घटनाओं से कैसे बचा जाए और अगर ऐसी कोई घटना हो तो किन बातों का ख्याल रखें।

  • पटाखे हमेशा मान्यता प्राप्त दुकान से खरीदें और इस बात की कोशिश करें कि बच्चों को अकेले पटाखें खरीदने न जाने दें, और आप उनकी सुरक्षा का ध्यान रख कर उन्हें पटाखे दिलवाएं। 
  • अक्सर बच्चे शैतानी करने के लिए पटाखे किसी बंद डिब्बे या मटके में डाल कर जलाते हैं, ऐसे में कई बार मटके या डब्बे के टूटने से बच्चों के घायल होने की संभावना भी होती है। इससे बेहतर होगा की आप उनको अकेले पटाखे न जलाने दें।
  • ऊनी सिल्क व कृतिम कपड़ों में आग बहुत जल्दी पकड़ लेती है, इससे बचने के लिए बेहतर होगा की पटाखे जलाते समय सूती कपड़े ही पहने। 
  • जिस भी जगह आप पटाखे जला रहे हैं, वहां पानी से भरी बाल्टी जरूर रखें, ताकि गलती से कोई दुर्घटना हो जाए तो तुरंत पानी का प्रयोग किया जाए। 
  • अपने पास हमेशा फस्र्ट ऐड किट तैयार रखें, साथ ही आपके पास बर्फ भी प्रयाप्त मात्रा में होनी चाहिए। 
  • दिवाली में जलने पर सर्वाधिक प्रभावित हमारी त्वचा और आंखें ही होती है। ऐसे में जलने पर हमें किन बातों का ख्याल और क्या सावधानी रखनी चाहिए? 

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जल जाने की स्थिति में 

वरिष्ठ त्वचा विशेषज्ञ डॉ. किरण धर के अनुसार, जले हुए हिस्से को फौरन पानी से धोएं और बर्फ लगाएं। और अगर अगर जलन मामूली है तो जले हुए हिस्से पर नारियल जैतून या फिर नीम का तेल भी लगा सकते हैं। इसके अलावा, जले हुए हिस्से पर शहद या फिर एलोवेरा जेल भी लगा सकते हैं। 

डॉ. धर ने कहा, 'अगर कोई गंभीर रूप से जल गया है तो उसे फौरन कंबल में लपेटें और अस्पताल ले जाएं। जले हुए व्यक्ति के कपड़े उतारने का प्रयास न करें, इससे जली हुई त्वचा पर बुरा प्रभाव पड़ने की संभावना होती है। जली त्वचा पर केले का पत्ता बांधना कारगर होता है, क्योंकि इससे ठंढक मिलती है और आराम भी।'

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डॉ. किरण ने कहा, 'पटाखों में कई तरह के रसायन प्रयोग किए जाते हैं, जिसकी वजह से अगर हम न भी जलें तो भी उसका धुंआ हमारी त्वचा को बहुत नुकसान पहुंचता है और हमारी त्वचा रूखी हो जाती है। इससे बचने के लिए दिन में कम से कम आठ-10 ग्लास पानी पीएं, इसके अलावा अच्छे मॉइश्चराइजर का प्रयोग करें तथा चेहरे और शरीर के अन्य अंग जो खुले हों, उनको किसी अच्छे रसायन मुक्त क्लिंजर से साफ करें।'

आई टेक विजन सेंटर की नेत्र चिकित्सक डॉ. श्रीदेवी गुंडाद्ध ने आंखों की सावधानी के बारे में कहा, 'अगर पटाखे से आंखों में चिंगारी गई है तो फौरन आंखों को पानी धोएं और जल्द से जल्द अस्पताल जाएं। अगर कॉनटैंक्ट लेंस लगाते हैं तो दिवाली वाले दिन बिल्कुल न लगाएं और आंखों को पटाखों की तेज रोशनी से भी बचाएं। आंखों में चिंगारी या बारूद चला जाए तो उसे बिल्कुल न मलें, फौरन धो लें और चिकित्सक से संपर्क करें। पटाखे छूने के बाद अपनी आंखें न छुएं।'

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Source : IANS

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