देश में कोरोना महामारी से लड़ने के लिए वैक्सीनेशन का दौर जारी है. दूसरे चरण में 45 साल के गंभीर बीमारियों से पीड़ित और 60 साल की उम्र से ज्यादा उम्र के व्यक्तियों को टीका लगाने का काम तेजी के साथ किया जा रहा है. लेकिन इसके बीच देश में कोरोना की दूसरी लहर बड़ी तेजी के साथ बढ़ रही है. दिल्ली में एक बार फिर से कोरोना ने अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं. कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. अब 800 से ज्यादा मरीज अस्पतालों में एडमिट हो चुके हैं, जो एक समय 500 से भी कम थे. यही नहीं, एडमिट मरीजों में से 159 मरीज वेंटिलेटर पर हैं. यानी कुल मरीजों का 20 पर्सेंट वेंटिलेटर पर हैं.
रिपोर्ट के अनुसार अस्पताल में एडमिट होने वाले हर पांच में से एक मरीज को वेंटिलेटर की जरूरत हो रही है. डॉक्टरों का कहना है कि अगर मरीजों की संख्या बढ़ेगी, तो एक बार फिर दिल्ली में मौत का आंकड़ा भी बढ़ सकता है. अभी दिल्ली में कोरोना के लिए कुल 5,711 बेड्स रिजर्व हैं. इनमें से 803 बेड्स पर मरीज हैं, यानी कुल रिजर्व बेड्स के 14 पर्सेंट बेड्स पर मरीज है. बाकी 86 पर्सेंट मतलब 4908 बेड्स खाली है. वहीं दिल्ली में कोरोना का टीकाकरण में लेट-लतीफी देखी जा रही है.
दिल्ली में कम हो रहा है टीकाकरण
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दिल्ली में भले ही करोना फिर से पांव पसार रहा हो, लेकिन टीकाकरण की रफ्तार बिहार जैसे पिछड़े राज्यों की तुलना में भी राजधानी दिल्ली में कम है. इसके पीछे राजीव गांधी अस्पताल के निदेशक का कहना है कि दिल्ली के हेल्थ वर्कर को लगता है कि अगर पहली डोज के बाद वैक्सीन की दूसरी डोज दो-तीन महीने बाद ली जाएगी तो ज्यादा इफेक्टिव रहेगी, लेकिन भारत की एजेंसियों ने 28 दिन की बात कही है. लिहाजा हम अपील करते हैं कि सभी स्वास्थ्य कर्मी दूसरी डोज लेने के लिए वक्त पर पहुंचे.
टेस्टिंग और वैक्सीनेशन में बढ़ोतरी
राजीव गांधी अस्पताल के निदेशक ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में प्रतिदिन तकरीबन 70 हजार टेस्ट किए जाते हैं. जिसमें से आधे से ज्यादा RT-PCR टेस्ट होते हैं. उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि आरटी पीसीआर टेस्ट की संख्या में बढ़ोतरी की जाए. जिससे हमें इस बात का अंदाजा हो कि दिल्ली के किस क्षेत्र में संक्रमण तेज गति से चल रहा है. टीकाकरण के लिए भी सोमवार से टीकाकरण केंद्र सुबह 9:00 बजे से लेकर रात 9:00 बजे तक खुले रहेंगे.
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3 महीने में पूरी दिल्ली का टीकाकरण संभव
राजीव गांधी अस्पताल के निदेशक ने बताया कि राज्य सरकार के आदेश पर ना सिर्फ 12 घंटे तक टीकाकरण केंद्र खुले रहेंगे, बल्कि जल्द से जल्द हर एक टीकाकरण में 6 सेंटर बनाए जाएंगे. जिससे एक समय में एक टीकाकरण केंद्र के अंदर 6 टीके के एक साथ लगाए जा सकेंगे. उन्होंने कहा कि दिल्ली में वैक्सीन की बर्बादी 2% से भी कम है. अगर हमें पर्याप्त संख्या में वैक्सीन उपलब्ध करवा दी जाए तो हम 3 महीने के अंदर पूरी दिल्ली की जनता का टीकाकरण करने में समर्थ हैं.
HIGHLIGHTS
- दिल्ली में कम हो रहा है टीकाकरण
- राजीव गांधी अस्पताल के निदेशक ने टीकाकरण की अपील की
- टेस्टिंग और वैक्सीनेशन में बढ़ोतरी- RGSH के निदेशक