मानव में हृदय संबंधी रोगों का खतरा बढ़ने का कारण हमारे पूर्वजों में 20 से 30 लाख साल पहले एक ‘‘जीन’’ का नष्ट हो जाना रहा होगा. एक अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है. अमेरिका में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया सैन डिएगो स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधार्थियों ने कहा कि इसी जीन के नष्ट हो जाने ने संभवत: मांसाहारी मनुष्यों में इस खतरे को और बढ़ा दिया होगा.
उन्होंने बताया कि वसा जमने के कारण धमनियों का बाधित होना (एथेरोस्कलेरोसिस) दुनिया भर में हृदय रोगों से होने वाली एक तिहाई मौतों के लिए जिम्मेदार है.इसके अलावा खून में कोलेस्ट्रोल की मात्रा बढ़ जाना, शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं रहना, आयु, उच्च रक्तचाप, मोटापा और धूम्रपान जैसे ऐसे कई ज्ञात कारण हैं जिनकी वजह से हृदय रोग होते हैं. हालांकि एथेरोस्कलेरोसिस के चलते पहली बार होने वाले 15 प्रतिशत हृदय रोगों के पीछे इनमें से कोई कारण जिम्मेदार नहीं होता. यह अध्ययन पीएनएएस पत्रिका में प्रकाशित हुआ है.
हार्ट अटैक के एक महीने पहले दिखते हैं ये लक्षण, वक्त रहते पहचान लें वरना..
दुनिया में हार्ट अटैक (Heart Attack) से मरने वाले करीब एक तिहाई मरीजों को तो यह पता ही नहीं होता कि वे हृदय रोगी हैं. ऐसे लोग अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ देते हैं. दरअसल पहले आए हार्ट अटैक (Heart Attack) को मरीज़ पहचान नहीं पाता. ऐसा हार्ट अटैक (Heart Attack), जिसके लक्षण अस्पष्ट हों या जिनका पता ही न चले, उसे साइलेंट हार्ट अटैक (Heart Attack) कहते हैं. वैसे दिल हमारे शरीर का एक ऐसा हिस्सा है जो बाकी हिस्सों में खून व ऑक्सीजन पहुंचाता है.
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दिल के जरिए ही शरीर के बाकी हिस्सों में खून और ऑक्सीजन की सप्लाई होती है लेकिन जब ये पंप सही ढंग से काम नहीं करता तो खून और ऑक्सीजन को शरीर के बाकी हिस्सों में पहुंचाने में काफी समस्या होती है और ऐसा होने के कारण खून का प्रवाह रुकता है और हार्ट अटैक (Heart Attack) जैसी आशंका बढ़ जाती है. शोध के अनुसार तो ये भी पता चला है की एशियाई लोगों को बाकियों की तुलना में हार्ट अटैक (Heart Attack) जैसी संभावना ज्यादा बनी रहती है और इसके पीछे की वजह आज तक नहीं पता चल पाई है.
हम आज उन लक्षणों को बताने जा रहे हैं जो हार्ट अटैक (Heart Attack) से 1 माह पहले ही आपका शरीर में दिखाई देने लगते हैं जैसे..
- मतली, हार्टबर्न और पेट में दर्द होना ...
- हाथ में दर्द होना
- कई दिनों तक कफ होना
- सांस लेने में दिक्कतें होना
- पसीना आना
- पैरों में सूजन
- चक्कर आना या सिर घूमना