Joint And Muscle Pain: जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द का आयुर्वेदिक इलाज में कुछ प्रमुख और प्रभावी उपचार होते हैं. गुग्गुल, महारस्नादि क्वाथ, महाराजप्रसारिणी तेल, त्रिफला चूर्ण, और योग और प्राणायाम इनमें से कुछ हैं. गुग्गुल विषाणुओं के खिलाफ लड़ने में सहायक होता है और इंफ्लेमेशन को कम करता है. महारस्नादि क्वाथ गठिया, अर्थराइटिस, और जोड़ों के दर्द में लाभकारी होता है. महाराजप्रसारिणी तेल और त्रिफला चूर्ण भी दर्द को कम करने में मदद करते हैं. योग और प्राणायाम का नियमित अभ्यास भी जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद करता है और शारीरिक और मानसिक संतुलन को सुधारता है.
पहले कहा जाता था कि बड़े और बुजुर्गो को जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द होता है. लेकिन इन दिनों देखा जा रहा है कि युवाओं को भी इस समस्यों का सामना करना पड़ रहा है. इसमें कहीं न कहीं हमारा आजकल का लाइफस्टाइल है. इसमें लोगों के साथ कई तरह की समस्याओं होती है. वहीं इसकी वजह है बॉडी में विटामीन का कम होना. इसकी वजह से लोगों को कई बार सीढ़ियां चढ़ने में परेशानी का सामना करना है. इन उपचारों का उपयोग करने से पहले चिकित्सक से परामर्श करना अच्छा होगा. जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द के लिए आयुर्वेदिक इलाज में कई प्राकृतिक उपचारों का उपयोग किया जाता है. यहां कुछ प्रमुख आयुर्वेदिक उपाय हैं जो दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं.
गुग्गुल: गुग्गुल का इस्तेमाल जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द में राहत प्रदान करने के लिए किया जाता है. यह शरीर की गर्मी को कम करता है और दर्द को कम करने में सहायक होता है.
महारस्नादि क्वाथ: इस औषधि का सेवन जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद कर सकता है. यह गठिया, अर्थराइटिस और पुराने जोड़ों के दर्द में असरदार होता है.
महाराजप्रसारिणी तेल: यह तेल जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद कर सकता है और मांसपेशियों को शांति प्रदान कर सकता है.
त्रिफला चूर्ण: यह चूर्ण शरीर की गर्मी को कम करता है और जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद कर सकता है.
योग और प्राणायाम: योग और प्राणायाम का नियमित अभ्यास भी जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द को कम करने में मदद कर सकता है.
इन उपचारों का सेवन करने से पहले, व्यक्ति को पहले एक आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए. चिकित्सक द्वारा सलाह दी गई मात्रा और उपयोग की विधि का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है.
Source : News Nation Bureau