When To Eat Food: आयुर्वेद भारतीय पौराणिक साहित्य और ऋषियों की शिक्षाओं पर आधारित एक प्राचीन चिकित्सा पद्धति है जो स्वास्थ्य और आरोग्य को सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न प्रकार की चिकित्सा तकनीकों, आहार, और जीवनशैली की सिद्धांतों पर आधारित है. आयुर्वेद का शाब्दिक अर्थ है "जीवन का ज्ञान". यह चिकित्सा, रोग प्रतिरोधक्षमता, और स्वस्थ जीवनशैली की प्रमोशन पर बल देता है. आयुर्वेद के मुख्य सिद्धांतों में त्रिदोष सिद्धांत, पंचमहाभूत सिद्धांत, धातु-मल-मूत्र सिद्धांत, प्राकृतिक समृद्धि, आत्मा और प्रकृति के साथ सम्बंध, और सत्त्व, रज, तम गुणों के सिद्धांत शामिल हैं. जिसकी जानकारी आयुर्वेद के प्रमुख ग्रंथों में है, जैसे कि चरक संहिता, सुश्रुत संहिता, और अस्तांग हृदयम्. आयुर्वेद में चिकित्सा को व्यक्ति की प्रकृति (प्राकृतिक अस्थिति), विकृति (विकृत अस्थिति), और उपशय (रोग का स्थान) के आधार पर तीन दोषों के (वात, पित्त, कफ) संतुलन की दृष्टि से किया जाता है. इसमें औषधि, आहार, और जीवनशैली के साधनों का समाहार किया जाता है. आयुर्वेद ने सद्गुण और दुष्गुण की बातें बताई हैं. यह शरीर, मन, और आत्मा के सम्बंध को समझने का भी प्रयास करता है और एक संतुलित जीवनशैली की प्रेरणा देता है. आयुर्वेद आपको स्वस्थ रहने और बीमारियों से बचाव के लिए अनुकरणीय निर्देश प्रदान करता है.
आयुर्वेद के अनुसार, दिनचर्या में सही समय पर आहार लेना महत्वपूर्ण है ताकि शरीर को सही पोषण मिल सके और विभिन्न कार्यों को सुनिश्चित रूप से संचालित किया जा सके. यहां सुबह से रात तक का सही समय पर आहार लेने का कुछ आयुर्वेदिक सुझाव हैं:
सुबह:
उठकर पानी पीना: उठते ही गुणकारी पानी पीना आच्छा होता है। गरम पानी में नींबू और शहद मिलाकर पीना भी फायदेमंद है.
व्यायाम: सुबह के समय में व्यायाम करना भी स्वस्थ रहता है.
फल या फ्रेश जूस: सुबह का आहार में स्वादिष्ट फल या फ्रेश जूस शामिल करना आच्छा होता है.
दोपहर:
भोजन: दोपहर का भूजन हल्का होना चाहिए और सिर्फ सत्तु या सैलरी जैसी आहार भरा जा सकता है.
शाम:
आयुर्वेदिक चाय: शाम को हल्की आयुर्वेदिक चाय पीना भी लाभकारी है. तुलसी, अदरक, लौंग आदि का सेवन कर सकते हैं.
रात:
खाना खाने का समय: रात का भोजन जल्दी से खाना चाहिए और खाना खाने के बाद समय रहना चाहिए ताकि पाचन सिस्टम सही से काम कर सके.
पानी पीना: रात को पानी की कमी हो सकती है, इसलिए सोने से पहले पानी पीना बहुत जरूरी है.
ध्यान रहे कि ये सुझाव आम लोगों के लिए हैं और व्यक्ति की व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थिति और आदतों के आधार पर इन्हें अनुकरण किया जा सकता है। आयुर्वेदिक वैद्य से सलाह लेना भी उचित है जब आप अपने आहार और दिनचर्या को संरचित कर रहे हैं.
Source : News Nation Bureau