COVID-19 समयसीमा के दौरान फ्लू और वायरल बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं. एक ओर जहां हम COVID-19 की संभावित तीसरी लहर की प्रतीक्षा कर रहे हैं, वहीं भारत और दुनिया भर में फ्लू के मामले इस तरह से आसमान छू रहे हैं जो कि पहले कभी न हुआ. अभी जो फ्लू के संक्रमण दिखाई दे रहे हैं, उनके बारे में सबसे ज्यादा ध्यान देने वाली बात जो है वो है time duration और फ्लू की intensity. आजकल फ्लू के लक्षण, जिन्हें COVID-19 के विपरीत हल्के और सहने योग्य माना जाता था, वे लंबे समय तक बने रहते हैं. उचित ज्ञान या परीक्षण के बिना, कोरोना वायरस की तरह फ्लू भी इस समय आसानी से दूसरों को पारित किया जा सकता है.
फ्लू कितने समय तक रहता है? क्या COVID-19 के साथ समानताएं हैं?
फ्लू एक respiratory infection है, इन्फ्लूएंजा वायरस से फैलता है. जबकि एक COVID-19 को लंबे समय तक चलने वाले संक्रमणों में से एक माना जाता है. फ्लू संक्रमण एक सप्ताह तक चल सकता है या फिर इससे ज्यादा भी चल सकता है. फ्लू में भी आपको COVID-19 की तरह, कुछ पोस्ट-वायरल लक्षण देखने को मिल सकते हैं. हमें यह याद रखने की आवश्यकता है कि भले ही फ्लू COVID-19 की तुलना में एक बहुत ही अलग बीमारी है लेकिन दोनों respiratory infection ही हैं जो अलग-अलग लक्षण पेश करते हैं, और इसलिए, ऐसे समय में जब हम पहले से ही महामारी से काफी खतरों का सामना कर रहे हैं तब हमे फ्लू से बचकर रहना चाहिए.
किन कारणों से फ्लू के मामले लंबे समय तक बने रहते हैं?
आपको बता दें कि पिछले साल फ्लू के संक्रमण मामूली थे क्यूंकि कोरोना के कारण हम स्वच्छता के उचित उपाय कर रहे थे. फ्लू के लिए, एक सामान्य ऊष्मायन अवधि 2 दिन हो सकती है, लेकिन यह 4 दिनों तक भी रह सकती है. विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि जब किसी व्यक्ति को फ्लू होता है, तो वे पहले 3-4 दिनों में सबसे अधिक संक्रामक होते हैं, लेकिन धीरे-धीरे जब खांसी और छींक जैसे लक्षणों का अनुभव बढ़ता है तब इनका time duration बढ़ जाता है. आपको बता दें फ्लू शुरू होने से पहले आपको Covid- 19 के लक्षण देखने को मिल सकते हैं. इसलिए जरुरी है कि आप नियमित तौर पर अपनी जांच करा लें.
Source : News Nation Bureau