स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि यदि सबकुछ ठीक रहा था तो रूस के कोरोना वायरस रोधी टीके ‘स्पूतनिक वी’ का दूसरे चरण का परीक्षण राज्य सरकार संचालित कॉलेज ऑफ मेडिसिन एंड सागर दत्ता हॉस्पिटल में इस महीने के अंत तक शुरू हो जाएगा. प्रक्रिया शुरू करने से पहले स्थल प्रबंधन संगठन ने अवसंरचना और शीतलन केंद्रों की जांच सहित आवश्यक सर्वेक्षण कार्य पूरा कर लिया है.
स्थल प्रबंधन संगठन ‘क्लिनिमेड लाइफ साइंसेज’ के व्यवसाय विकास प्रमुख स्नेहेन्दु कोनेर ने कहा कि सर्वेक्षण निष्कर्ष संबंधी रिपोर्ट भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) को परीक्षण की अनुमति प्रदान करने के लिए भेज दी गई है. कोनेर ने संपर्क किए जाने पर पीटीआई-भाषा से कहा कि हमने स्थल का निरीक्षण किया है, इसकी अवसंरचना और टीकों को रखने संबंधी प्रतिष्ठानों तथा प्रतिरक्षाजनत्व नमूनों की जांच की है.
उन्होंने कहा कि हमने अस्पताल के रिकॉर्ड का भी अध्ययन किया है और पाया है कि इसे टीकों का परीक्षण करने का अनुभव है. हमारे निष्कर्ष पूर्ण रूप से संतोषजनक हैं और हमने इन्हें मंजूरी के लिए डीसीजीआई को भेजा है. कोनेर ने कहा कि डीसीजीआई से हरी झंडी मिलने पर अस्पताल की आचार समिति वहां दूसरे चरण का परीक्षण करने के लिए मंजूरी जारी करेगी.
उन्होंने कहा कि हमने प्रक्रिया के लिए प्रधान अन्वेषक और सह-अन्वेषक की भी पहचान कर ली है. स्पूतनिक वी का चिकित्सकीय परीक्षण पूरे देश में होगा और इसके लिए फार्मा कंपनी डॉ. रेड्डीज लैब ने रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) से हाथ मिलाया है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी के अनुसार आरडीआईएफ अपने संभावित कोविड-19 टीके की 10 करोड़ डोज डॉ. रेड्डीज लैब को उपलब्ध कराएगी. परीक्षण के लिए पूरे देश में 100 स्वयंसेवी चुने जाएंगे जिनमें से 75 को टीका लगाया जाएगा और 25 अन्य को प्लेसिबो (प्रायोगिक औषधि) दी जाएगी जो एक ऐसा पदार्थ या उपचार है जिसका कोई चिकित्सकीय आधार नहीं होता.
Source : Bhasha