केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को घोषणा की कि कोविड-19 महामारी के खिलाफ रूस की वैक्सीन स्पुतनिक वी अगले सप्ताह की शुरूआत में देश भर के बाजारों में उपलब्ध होगी. सरकार की ओर से यह घोषणा रूस से हैदराबाद में स्पुतनिक वी वैक्सीन की 150,000 खुराक की पहली खेप पहुंचने के 12 दिन बाद सामने आई है. स्पुतनिक वी को रूस के गामालेया नेशनल सेंटर द्वारा विकसित किया गया है. यह भारत में ऐसे समय में इस्तेमाल होने वाला तीसरा टीका होगा, जब देश दूसरी लहर की चपेट में है, जो कि काफी खतरनाक है. इस बीच भारत में टीकों की मांग काफी बढ़ गई है.
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नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी. के. पॉल ने देश में कोविड-19 स्थिति पर स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेस वार्ता में इसकी घोषणा की. पॉल ने यह भी कहा कि स्पुतनिक वी का स्थानीय उत्पादन जुलाई में शुरू होगा. हैदराबाद स्थित डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज भारत में वैक्सीन का निर्माण करेगी. डॉ रेड्डीज के शीर्ष अधिकारियों ने हाल ही में संकेत दिया था कि भारत में स्पुतनिक वी को 10 डॉलर (करीब 750 रुपये) प्रति खुराक पर बेचा जा सकता है.
पिछले महीने, भारतीय नियामक ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने देश के नए कोविड-19 संक्रमणों में खतरनाक वृद्धि के बीच स्पुतनिक वी के उपयोग को मंजूरी दी थी. यह भारतीय बाजार में तीसरी वैक्सीन होगी. इससे पहले पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) की ओर से कोविशिल्ड जबकि हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड की ओर से विकसित कोवैक्सिन भारतीय नागरिकों के लिए बाजार में आ चुकी हैं.
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भारत में पहले 45 वर्ष या इससे अधिक आयु के लोगों को ही वैक्सीन लगवाने की अनुमति थी, मगर एक मई 2021 से 18 से 44 वर्ष के लोगों को भी वैक्सीन लगवाने की कैटेगरी में शामिल कर लिया गया है. 91.6 प्रतिशत की प्रभावकारिता के साथ, स्पुतनिक वी दुनिया में कोविड के खिलाफ पहली वैक्सीन है. द लांसेट में प्रकाशित नैदानिक परीक्षण डेटा ने संकेत दिया कि वैक्सीन सुरक्षित और प्रभावी प्रतीत होती है.
Source : News Nation Bureau