किसी मोटे इंसान को देखकर अक्सर लोग कहने लगते हैं कि ये तो किसी खाते-पीते घर का लगता है. आमतौर पर मान लिया जाता है कि ऐसा कोई भी इंसान या तो पैसेवाला होगा या फिर चिंता-मुक्त होगा, लेकिन पूरी दुनिया के डॉक्टर मानते हैं कि मोटा शरीर और ओवरवेट होना मुश्किलों का घर होता है. मोटा होने का मतलब होता है शारीरिक सक्रियता में कमी और वजन का लगातार बढ़ते चला जाना. जाहिर है इन सबका नतीजा होता है. बीमारियों का चेन रिएक्शन.
स्वीडन के एक विश्वविद्यालय ने मोटापा को लेकर एक ऐसी रिपोर्ट पेश की है जिससे हेल्थ एक्सपर्ट न सिर्फ चौंक गए हैं. बल्कि इसे चेतावनी के तौर पर ले रहे हैं. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मोटापा 32 अलग-अलग प्रकार के कैंसर की जड़ है. अमूनन माना जाता था कि मोटापा से कई बीमारियां हो सकती हैं...लेकिन कैंसर का खतरा लगभग न के बराबर समझा है, लेकिन इस रिपोर्ट की मानें तो ये भ्रम अब टूट गया है.पहले मोटापे से 13 प्रकार के कैंसर को लिंक किया गया था, लेकिन नये शोध ने इसमें 19 अन्य किस्म के केैंसर को भी जोड़ दिया गया है.
स्वीडिश विश्वविद्यालय के शोध से डरानेवाला खुलासा
दरअसल, वजन बढ़ने लगे तो शरीर पर नजर बनाकर रखना बेहद जरूरी है .जैसे अगर स्वस्थ व्यक्ति के BMI में 5 प्वाइंट की वृद्धि हो जाए तो उसे खतरे में इजाफा समझना चाहिए. क्योंकि रिपोर्ट कहती है कि BMI में बढ़ोतरी से पुरुषों में 24 फीसदी और महिलाओं में 12 फीसदी कॉमन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. स्वीडिश विश्वविद्यालय की इस रिपोर्ट को ग्राउंड ब्रेकिंग रिसर्च कहा जा रहा है जिसमें दुनिया के उपर कैंसर के टाइमबम का खुलासा हुआ है. करीब 40 साल तक का आंकड़ा इकट्ठा किया जिसमें 41 लाख लोगों के हेल्थ से जु़ड़े डा़टा का विश्लेषण किया गया. इस दौरान 3 लाख से ज्यादा किस्म के कैंसर की पहचान गई और तब देखा गया कि कैंसर के 40 फीसदी मामलों की जड़ ओवरवेट यानि शरीर का जरुरत से ज्यादा वजन है.
नये शोध में 13 किस्म के कैंसर का मोटापा से लिंक
अब सवाल है कि मोटापा में ऐसा क्या होता है जिसकी वजह से जानलेवा कैंसर से जूझने का खतरा पैदा हो जाता है. यानि मोटे व्यक्ति के शरीर में बीमारियों से लड़ने की इम्युनिटी का लेवल इतना घट जाता है कि वो बड़ी बीमारी का जरिया बन जाता है...वैज्ञानिक मानते हैं कि कैंसर में इजाफा बायोलॉजिकल मेकनिज्म अर्थात जैविक तंत्र में तब्दीली से जुड़ा है...और इसके लिए वैज्ञानिक तीन कारण गिनाते हैं.
डॉक्टर कहते हैं कि मोटापा से क्रॉनिक इंफ्लेमेशन का खतरा होता है...और मेटाबॉलिज्म में भी परिवर्तन होने लगता है...साथ ही हॉर्मोन के स्तर में बदलाव होता है...और ये सब मिलकर कैंसर होने का सबब बन जाते हैं. डॉक्टर तो लगातार कहते आ रहे हैं कि मोटापा हर बीमारी को दावत देता है...और इसका सीधा कनेक्शन मोटापा की वजह से शरीर में आनेवाली निष्क्रियता है. अपनी रिपोर्ट में शोधकर्ताओं ने करीब 23 संभावित कैंसर का जिक्र किया है जिनमें कुछ तो हमेशा से दुनिया के ऊपर खतरे की तरह लटक रहा है मसलन. शोध के मुताबिक मोटापा से ब्रेस्ट कैंसर. आंत का कैंसर. गर्भाशय का कैंसर और किडनी कैंसर होने का खतरा बना रहता है. इसके अलावा 19 अन्य किस्म के भी कैंसर होने की आशंका खड़ी हो जाती है जिनमें गैस्ट्रिक ट्यूमर. छोटी आंत का कैंसर. सिर और गर्दन का कैंसर शामिल हैं.
जंकफूड, सामाजिक निष्क्रियता मोटापा की बड़ी वजह
इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद हेल्थ एक्सपर्ट्स ने इसे वेकअप कॉल बता दिया है. वैज्ञानिक कह रहे हैं अगर मोटापा को रोक लिया गया तो खान-पान से संबंधित होेनेवाले कैंसर को भी रोका जा सकता है. जिसका मतलब है जंकफूड पर कंट्रोल. ब्रिटेन मोटापा को महामारी की तरह देखा जा रहा है और सुझाव दिए जा रहे हैं कि जंकफूड के खिलाफ बड़े पैमाने पर जागरुकता अभियान चलाया जाए. भारत में भी यही हकीकत है. जहां जंकफूड ने पूरी पीढ़ी को जकड़ रखा है. डॉक्टर्स कह रहे हैं कि कैंसर की वजहों में मोटापा को अबतक कमतर समझन की भूल की जा रही थी...लेकिन नई रिपोर्ट ने कैंसर की रोकथाम के कार्यक्रमों में इसे भी शामिल करने की जरूरत हो गई है...ऐसा नहीं है कि इससे बचने के उपाय नहीं हैं....हालांकि ये वही उपाय हैं जो रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़े हैं. मोटापा के पीछे अगर वजह जंकफू़ड है...तो इसके बचाव में भी खानपान ही है और वो है हेल्दी डायट.
Source : News Nation Bureau