शोधकर्ताओं की टीम ने एक च्युइंग गम ( Coronavirus chewing gum) विकसित किया है जो पौधे से उगाए गए प्रोटीन के माध्यम से SARS-CoV-2 वायरस को "ट्रैप" करने का काम करता है और इसके ट्रांसमिशन को भी नियंत्रित करता है. आपकी जानकारी के लिए आपको बता दें कि यह अध्ययन 'मॉलिक्यूलर थेरेपी जर्नल' (Molecular Therapy Journal) में प्रकाशित हुआ है. शोधकर्ताओं की टीम ने इस बात को नोट किया है कि जो लोग पूरी तरह से कोरोना वायरस का टीका लगवा चूकें हैं, वे अभी भी SARS-CoV-2 से संक्रमित हो सकते हैं और उन लोगों को भी संक्रमित कर सकते हैं जिनको टीका नहीं लगा है.
SARS-CoV-2 सलाइवा के माध्यम से रेप्लिकेट हो जाता है और हम जानते हैं कि जब कोई संक्रमित व्यक्ति छींकता है, खांसता है या कुछ बोलता है तो उसके माध्यम से कोरोना वायरस दूसरों तक पहुंच सकता है. अमेरिका में मॉलिक्यूलर थेरेपी पर प्रकाशित अध्ययन का नेतृत्व करने वाले डेनियल (Daniell)ने कहा, "यह च्युइंग- गम लार में वायरस को बेअसर करने का अवसर प्रदान करता है, जिससे हमें रोग के ट्रांसमिशन को कम करने का एक आसान तरीका मिल जाता है".
आपको बता दें महामारी से पहले, डेनियल उच्च रक्तचाप के इलाज के संदर्भ में एंजियोटेंसिन-परिवर्तित एंजाइम 2 (angiotensin-converting enzyme 2) (ACE2) प्रोटीन का अध्ययन कर रहे थे. उनकी लैब ने ही इस प्रोटीन को विकसित किया था. पिछले शोध से पता चला है कि ACE2 के इंजेक्शन गंभीर संक्रमण वाले लोगों में वायरल लोड को कम कर सकते हैं. वैज्ञानिकों का मानना है कि वैक्सीन के साथ इसका उपयोग करने से कोरोना वायरस के संक्रमण को बहुत तेजी से रोका जा सकता है.
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इस च्युइंग गम के इस्तेमाल से मरीजों को काफी फायदा मिल सकता है और ये उन देशों के लिए बहुत फायदेमंद है जहां वैक्सीन अभी तक उपलब्ध नहीं हुई है. हालांकि, यह च्युइंग गम अभी सामान्य उपयोग के लिए उपलब्ध नहीं है, लेकिन वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि जल्द ही इस च्युइंग गम को मार्केट में भी लाया जाएगा.