दुनियाभर में कोरोना वायरस का मामला सामने आए एक साल हो चुका है. कई देशों में कोरोना की दूसरी लहर शुरू हो चुकी है. अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन में कोरोना के मामलों में गिरावट आने के बाद एक बार फिर उछाल आ गया है. इसी बीच एक और वायरस ने दस्तक दे दी है. यह वायरस भी पर्सन टू पर्सन इंफेक्शन फैला सकता है. अमेरिका के सेंटर्स फॉर डिजीज कंटोल ने इसकी पुष्टि भी कर दी है.
वायरस से हो सकता है ब्रेन हैमरेज
इस वायरस के बोलिविया में संक्रमण के मामले सामने आए हैं. जानकारों का कहना है कि यह वायरस कोरोना से भी खतरनाक साबित हो सकता है. इसमें एक ऐसा बुखार होता है जिससे ब्रेन बैमरेज तक हो सकता है. विशेषज्ञों का कहना है कि यह इबोला जैसा वायरस है लेकिन यह वायरस इबोला से भी खतरनाक है. हालांकि उस पर भी जल्द ही नियंत्रण हासिल कर लिया गया था.
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क्यों पड़ा चापरे वायरस नाम?
जानकारी के मुताबिक यह वायरस सबसे पहले 2004 में बोलिविया के चापरे इलाके में देखा गया था. इसी कारण वैज्ञानिकों ने इस वायरस को चापरे वायरस (Chapare Virus) नाम दे दिया. Live Science की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सीडीसी ने कहा कि 2019 में इस संक्रमण की चपेट में आए पांच में तीन लोग स्वास्थ्य कर्मी थे जिसमें से दो की मौत हो गई.
क्या है इसका इलाज?
2019 में चापरे वायरस का पहला संकेत मानव शरीर के फ्ल्यूड्स के एक कलेक्शन में पाया गया था. सैंपल्स को इकट्ठा करने वाले डॉक्टरों का मानना था कि रोगी डेंगू के संपर्क में आए होंगे. CDC रिसर्चर मारिया मोराल्स ने कहा कि 'दक्षिण अमेरिका में डेंगू बहुत प्रचलित है. हेमैरजिक फीवर के लक्षण वाला डेंगू से पहले कुछ और नहीं सोच सकता. यह दोनों बहुत समान हैं.'
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क्या हैं लक्षण
जिन मरीजों को इस वायरस का संक्रमण हुआ उन्होंने बुखार, पेट दर्द, उल्टी, मसूड़ों से खून निकलने, त्वचा पर छाले और आंखों में दर्द की शिकायत की. फिलहाल इस वायरस का कोई इलाज नहीं है ऐसे में पानी चढ़ाना ही सिर्फ एक रास्ता है.
Source : News Nation Bureau