कब क्या कितना खाएं, क्या न खाएं इसको लेकर हमारे बुजुर्गों ने लोकोक्तियों, दोहों और कहावतों के माध्यम से लोगों तक सेहत का संदेश पहुंचाया है. गांवों में आज भी ये लोकोक्तियां और कहावतें स्वस्थ जीवन का आधार बनी हुई हैं और यही कारण है कि शहरी लोगों के मुकाबले ग्रामीणों की सेहत ज्यादा अच्छी होती है. खान-पान से जुड़ी लोकोक्तियाें, दोहों और कहावतों को फेसबुक पेज Ayurveda info से हम आपके लिए लाए हैं ताकि आप भी इसका लाभ उठा सकें..
हम सभी जानते हैं गुड़ सेहत के लिए फायदेमंद है लेकिन अगर ऊपर दिए हुए टिप्स के हिसाब से प्रयोग करें तो निश्चित तौर पर लाभ मिलेगा.
एल्यूमिनियम का बर्तन सस्ता होने के कारण अधिकतर घरों में यूज किया जाता है. अगर कई गंभीर रोगों से बचना चाहता हैं तो इसे किचन से अभी दूर कर दें.
चुंबक भी बड़े काम का होता है. घर में अक्सर बच्चे इसे लेकर खेलते रहते हैं और आप इसे कबाड़ की वस्तु मानकर ध्यान नहीं देते. अब ऊपर दिए हुए दोहे को पढ़ने के बाद आपको पता चल गया हो कि यह कितने काम की चीज है.
आम तौर पर खाना खाते समय या खाने के बाद लोग कई गिलास पानी पी लेते हैं. यकीन मानिए ये जहर के समान है.
अब तो आप जान ही गए होंगे कि होटल या रेस्त्रां में भोजन के बाद वेटर बिल के साथ प्लेट में सौंफ और मिश्री रख कर क्यों लाता है.
अगर आप चाय के आदी हैं तो इस दोहे पर अमल जरूर कीजिए. ब्लड प्रेशर से बचना है तो चाय से तौबा कर लिजिए.
अब तो आप जान ही गए होंगे कि कब्ज की समस्या से छुटकारा पाने के लिए गरम जल अमृत समान है.
दोपहर के भोजन के बाद सचमुच 30 मिनट की नींद आपके लिए बेहतर सेहत का राज हो सकती है.
जो लोग एसिडिटी और मोटापे से परेशान हैं और लाखों रुपये दवाओं पर फूंक चुके हैं उनके लिए ये दवा मुफ्त है.
लिजिए आपकी दुख्ती आंखों का भी इलाज आपके किचन में ही है.
Source : News Nation Bureau