वैक्सीन बनाने वाली प्रमुख कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने शनिवार को कहा कि वह भारत में एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड की कोविड-19 वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग के लाइसेंस के लिए अगले दो सप्ताह में आवेदन करने की प्रक्रिया में है. सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अदार पूनावाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के बारे में एक वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में कहा, हमने योजना पर चर्चा की, योजना के कार्यान्वयन के बारे में जो आपातकालीन उपयोग लाइसेंस हासिल करने के बाद ही लागू होगी, जो हमारे द्वारा दिए जाने वाले आंकड़ों के आधार पर जारी किया जाएगा. हम भारत के दवा महानियंत्रक के समक्ष आधिकारिक रूप से आवेदन करने की प्रक्रिया में हैं.
पूनावाला ने कहा, हम आपातकालीन उपयोग के लाइसेंस के लिए अगले दो सप्ताह में आवेदन करने की प्रक्रिया में हैं. पूनावाला ने कहा कि कंपनी लिए यह एक खास दिन था, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कंपनी के पुणे स्थित संयंत्र का दौरा किया. मोदी ने कोरोना वायरस के टीके के विकास कार्य की समीक्षा के लिए शनिवार को अहमदाबाद, हैदराबाद और पुणे का दौरा किया. उन्होंने अहमदाबाद में जायडस बायोटेक पार्क, हैदराबाद में भारत बायोटेक और पुणे में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया का दौरा किया.
एक आधिकारिक बयान में कहा गया, वैज्ञानिकों ने खुशी जताई कि प्रधानमंत्री ने उनके साथ मुलाकात कर उनके साहस को बढ़ाया और टीका विकास के इस महत्वपूर्ण चरण में उनके प्रयासों में तेजी लाने के लिए उत्साहवर्धन किया. मोदी ने अपने दौरे की शुरुआत अहमदाबाद के नजदीक दवा कंपनी जाइडस कैडिला के संयंत्र के दौरे के साथ की.
पीएम मोदी ने ट्वीट किया, अहमदाबाद में जाइडस बायोटेक पार्क का दौरा किया और जाइडस कैडिला द्वारा विकसित किये जा रहे डीएनए आधारित स्वदेशी टीके के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त की. मैंने इस कार्य में लगी टीम के प्रयासों के लिए उसकी सराहना की. भारत सरकार इस यात्रा में उनका सहयोग करने के लिए उनके साथ सक्रियता से काम कर रही है.
जायडस कैडिला ने कहा कि उसके जायडस बायोटेक पार्क में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने से उसे प्रोत्साहन मिलेगा. कंपनी ने कहा कि प्रधानमंत्री की उपस्थिति से उसे इस बात की प्रेरणा मिलेगी कि वह नहीं पूरी हो पा रही स्वास्थ्य जरूरतों को पूरा करने की दिशा में काम करे. कंपनी ने कहा कि 25 हजार कर्मचारियों के परिवार के साथ वह आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिये प्रतिबद्ध है. कंपनी ने कोरोना के संभावित टीके जायकोव-डी का विकास किया है. कंपनी ने हाल ही में अपने टीके के पहले चरण के नैदानिक परीक्षण की घोषणा की थी. मोदी करीब एक घंटे तक संयंत्र में रहे. इसके बाद वह हवाईअड्डे के लिए निकले और वहां से 11.40 बजे हैदराबाद रवाना हो गए.
पीएम मोदी हैदराबाद के नजदीक हकीमपेट वायु सेना हवाई अड्डे पर दोपहर करीब एक बजे पहुंचे. हैदराबाद में जीनोम वैली स्थित भारत बायोटेक की बीएसएल-3 (जैव-सुरक्षा स्तर 3) इकाई में टीके का विकास किया जा रहा है और यहीं इसका उत्पादन किया जाएगा. घंटे भर के दौरे के बाद मोदी ने ट्वीट किया, हैदराबाद में भारत बायोटेक कंपनी में कोविड-19 के स्वदेशी टीके के बारे में जानकारी मिली. वैज्ञानिकों को अभी तक किए गए परीक्षण में प्रगति के लिए बधाई. उनकी टीम आईसीएमआर के साथ निकटता से काम कर रही है.
भारत बायोटेक ने कहा कि हैदराबाद में जीनोम घाटी में स्थित उसके संयंत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने से वैज्ञानिक खोज और सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्याओं को सुलझाने की प्रतिबद्धता मजबूती मिली है. कंपनी ने एक बयान में कहा, प्रधानमंत्री की यात्रा से हमें टीके के लिए प्रेरणा मिली है. इससे वैज्ञानिक खोज, सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्याओं के निराकरण तथा कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई के प्रति हमारी प्रतिबद्धता मजबूत होती है.
कंपनी अभी कोवैक्सीन का तीसरे चरण का नैदानिक परीक्षण कर रही है. मोदी तीन बजकर 30 मिनट पर पुणे के लिए रवाना हो गए और वहां वह साढ़े चार बजे पहुंचे. हैदराबाद से पुणे हवाई अड्डे पर शाम करीब साढ़े चार बजे पहुंचने के बाद मोदी हेलीकॉप्टर से सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के लिए रवाना हुए. एसआईआई का दौरा करने के बाद मोदी ने ट्वीट किया, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में टीम के साथ अच्छी वार्ता हुई. उन्होंने अभी तक हुई प्रगति के बारे में जानकारी को साझा किया कि किस तरह से वे आगे टीका निर्माण को तेज करने की योजना बना रहे हैं. उनके निर्माण संयंत्र को भी देखा.
टीके के विकास के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने वैश्विक दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के साथ भागीदारी की है. एक अधिकारी ने बताया कि मोदी शाम छह बजे पुणे हवाई अड्डे के लिए रवाना हुए जहां से वह छह बजकर 25 मिनट पर दिल्ली के लिए रवाना हो गए.
Source : Bhasha