केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि सरकार की ऑनलाइन ओपीडी पहल ई-संजीवनी के शुरु होने के 11 दिनों के भीतर सात लाख से अधिक लोगों को उपचार संबंधी परामर्श मिल चुका है. मंत्रालय ने कहा कि ओपीडी सेवाएं देने का यह डिजिटल तरीका तेजी से लोकप्रिय हो रहा है . मंत्रालय ने एक बयान में कहा, प्रतिदिन ई-संजीवनी पर 10,000 से अधिक परामर्श दिए जाते हैं और यह देश की सबसे बड़ी ओपीडी सेवा बनती जा रही है.
स्वास्थ्य सेवाएं देने के क्षेत्र में इस अभिनव पहल ई-संजीवनी ने छोटे कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों में प्रभाव डालना शुरू कर दिया है. कोरोना महामारी के दौरान टेलीमेडिसिन रोगियों और डॉक्टरों दोनों के लिए फायदेमंद है क्योंकि ऑनलाइन परामर्श उनके बीच शारीरिक संपर्क को सीमित करता है.
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि ई-संजीवनी ने सेवाएं प्रदान करने के लिए डॉक्टर के एक विशिष्ट स्थान पर रहने की आवश्यकता को खत्म कर दिया है. यह राज्यों को विशेष रूप से बड़े भौगोलिक क्षेत्र वाले लोगों को उनके मानव संसाधनों के बेहतर प्रबंधन के लिए सक्षम बनाता है. बयान के अनुसार जिन शीर्ष दस राज्यों ने ई संजीवनी के माध्यम से सबसे अधिक परामर्श दर्ज किए हैं उनमें तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, केरल, हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तराखंड, कर्नाटक और महाराष्ट्र शामिल हैं.
इसमें कहा गया है कि सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (मोहाली) के साथ स्वास्थ्य मंत्रालय लगातार राज्य प्रशासनों के परामर्श से ई संजीवनी में नई सुविधाएं जोड़ रहा है.
Source : Bhasha