हरियाणा के फतेहाबाद में ब्लैक फंगस का एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. इस मामले ने अस्पताल के डॉक्टर ही नहीं ब्लैक फंगस के इलाज में लगी देशभर के विशेषज्ञ भी हैरान हैं. व्यक्ति को ना डायबिटीज थी और ना ही कभी कोरोना हुआ था. इसके बाद भी उसकी ब्लैक फंगस से मौत हो गई. डॉक्टर भी इस मामले से हैरान हैं. अभी तक कोरोना के ठीक होने वाले उन्हीं मरीजों में ब्लैक फंगस के मामले सामने आ रहे थे जिन्हें डायबिटीज हो या कोरोना के इलाज के दौरान एस्टेरॉयड लगाए गए हो.
यह भी पढ़ेंः अच्छी खबर: छत्तीसगढ़ में 10 हजार से अधिक गांव कोरोना मुक्त
मामला फतेहाबाद के नाढोडी गांव का है. यहां रहने वाले जागीर सिंह को चार दिन पहले सिविल अस्पताल में इलाज के लाया गया था. डॉक्टरों के मुताबिक मरीज के चेहरे पर आंख के पास काले घेरे आ गए थे. इसे देखकर डॉक्टरों ने मरीज में ब्लैक फंगस की पुष्टि की. डॉक्टरों ने मरीज को इलाज के लिए हिसार के अग्रोहा मेडिकल अस्पताल में रैफर कर दिया. परिजन मरीज को हिसार लेकर जाते इससे पहले ही उसने घर पर ही दम तोड़ दिया.
यह भी पढ़ेंः जीएसटी काउंसिल की बैठक आज, कोविड वैक्सीन पर शून्य हो सकती है GST
फतेहाबाद सिविल अस्पताल के ईएनटी सर्जन डॉ. जयप्रकाश ने बताया कि मरीज जब अस्पताल में आया तो उसकी हालत ज्यादा खराब थी. मरीज में ब्लैक फंगस के लक्षण दिखाई दिए थे. जब मरीज की हिस्ट्री देखी तो मरीज में डायबिटीज होने की जानकारी नहीं मिली. ऐसी भी कोई हिस्ट्री नहीं मिली जिससे पता चले कि उन्होंने एस्टेरॉयड के इंजेक्शन लगवाए हैं. कोरोना की भी मरीज ने जांच कराई थी जो निगेटिव आई थी. मरीज को सांस लेने में भी कोई परेशानी नहीं थी. ना ही उन्हें ऑक्सीजन लगाने की जरूरत थी.
डॉ. जयप्रकाश के मुताबिक 13 मई को जबड़े में दर्द हुआ और उन्होंने किसी मेडिकल स्टोर से दवा ले ली. दर्द ठीक हो गया, उन्होंने घर में किसी को बताया नहीं लेकिन 18 मई को चेहरे, आंख और मुंह के अंदर तालू पर सूजन आ गई और कालापन शुरू हो गया. इसके बाद मरीज की हालात लगातार खराब होती गई. जब उसे अस्पताल लाया गया तो मरीज के मुंह के अंदर तालू पर भी कालापन आ गया था.
HIGHLIGHTS
- मरीज को इलाज के लिए हिसार किया गया था रैफर
- मरीज की आंख के चारों ओर आ गए थे काले घेरे