छोटे-छोटे बच्चों को मेकअप का बड़ा शोक होता है. कुछ बच्चों को बड़ा पसंद होता है लगाना. वहीं कुछ मम्मियों को भी बड़ा अच्छा लगाता है बच्चों के नेल पॉलिश लगाना. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि यही खूबसूरत और खुशबूदार नेल पॉलिश खतरनाक भी साबित हो सकती है. जी हां, सही सुना आपने खतरनाक. शायद ही ये आपने सुना होगा कि छोटे बच्चों को नेल पॉलिश लगाना सेफ नहीं होता. तो चलिए आपको इसके कुछ कारण बता देते हैं. जिसमें सबसे पहले आता है हाइड्रोक्विनोन केमिकल. एक रिसर्च के मुताबिक ये केमिकल, आंख के संपर्क में आने से कॉर्निया डैमेज कर सकता है. यही नहीं, इसे सुंघने से भी नाक, गले और ऊपरी रेस्पिरेट्री ट्रैक्ट (respiratory tract) में जलन की शिकायत हो सकती है.
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वहीं अगले नंबर पर इसका साइड इफेक्ट ये है कि ये दिमाग पर भी गहरा असर डालती हैं. नेल पॉलिश का कैमिकल जब बॉडी में एंट्री लेता है. तो ये ह्यूमन सिस्टम (human system) में सीरियस चेंजिज लाता है. यह खास्तौर पर दिमाग और नर्वस सिस्टम (nervous system) में बदलाव पैदा करता है. यह स्टमक (stomach) के डाइजेस्टिव और हॉर्मोन सिस्टम (hormone system) में भी गड़बड़ी पैदा कर देता है.
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वहीं बच्चों को बार-बार मुंह में अपना हाथ डालने की इतनी आदत होती है. ऐसे में यदि नेल पॉलिश में मौजूद केमिकल्स बच्चे के मुंह और पेट में चले जाएं तो उन्हें न्यूरो, गट और सांस से जुड़ी प्रॉब्लम्स हो सकती है.
कई कॉस्मेटिक केमिस्ट्स के मुताबिक, नेल पॉलिश में टाल्यूईन (Toluene), फार्मेल्डीहाइड (Pharmeldihaid) और डायब्यूटल फाइलेट जैसे केमिकल मौजूद होते हैं. जो नेल पॉलिश के टेक्सचर (texture) को मेनटेन रखने और उन्हें सूखने व नाखून पर बने रहने में मदद करते हैं. यही टाल्यूईन नाम का कैमिकल आमतौर पर कार में फ्यूल डालने वाले गैसोलीन में इस्तेमाल किया जाता है. फॉर्मलडिहाइड केमिकल के टच में रहने से मायलोइड ल्यूकेमिया (myeloid leukemia) यानी बोन मैरो (bone marrow), रेड ब्लड सेल्स (red blood cells), व्हाइट ब्लड सेल्स (white blood cells) और प्लेटलेट्स (platelets) का एक्स्ट्राऑर्डिनरी ग्रोथ करने वाले कैंसर होने का खतरा बहुत ज्यादा हो सकता है.
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वहीं नेल पॉलिश को तैयार करने के लिए एक्रेलेट्स केमिकल का इस्तेमाल भी किया जाता है. सांस के थ्रू और स्किन के टच में आने से इसके काफी साइडइफेक्ट्स देखने को मिलते हैं. मिथाइल मेथाक्रिलेट के टच में रहने वालों को इंटेस्टाइन्स, स्टमक या रेक्टम (rectum) में होने वाला कोलोरेक्टल कैंसर (colorectal cancer) का रिस्क भी बहुत ज्यादा बना रहता है. ये तो सभी बहुत अच्छे से जानते हैं कि बच्चों को बार-बार मुंह में हाथ डालने कि बहुत आदत होती है. ऐसे में ये केमिकल्स उनके लिए बेहद नुकसानदायक हो सकते हैं.
Source : News Nation Bureau