सर्दियों में बहुत-सी सब्जियां खाना फायदेमंद बताया जाता है. जिनमें से एक गाजर (carrot) भी है. गाजर एक ऐसी सब्जी है जो न्यूट्रिएंट्स से भरी हुई है. इसमें विटामिन A, C, K, B, जिंक, आयरन जैसे कई और भी मिनरल्स और विटामिन्स पाए जाते है. इसलिए, सर्दियों में लोग अक्सर गाजर का जूस, गाजर का हलवा, गाजर की सब्जी वगैराह बनाते और खाते हुए आपको दिख जाएंगे. यहां तक कि डॉक्टर्स और हेल्थ एक्सपर्ट्स भी इसे ठंड के मौसम में खाने की सलाह देते है. लेकिन, इसका ये मतलब नहीं है कि गाजर से कोई नुकसान (carrot side effects) नहीं होते. इसे खाने के कई नुकसान भी है. तो, चलिए आज हम आपको गाजर के नुकसान के बारे में बताते हैं.
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नींद की प्रॉब्लम
गाजर को बहुत ज्यादा खाने से आपको नींद की प्रॉब्लम हो सकती है. वैसे ही सर्दियों में नींद न आने (sleeping disorder) की समस्या चलती रहती है. ऊपर से गाजर खाने के बाद ये प्रॉब्लम और बढ़ सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि गाजर का पीला हिस्सा काफी गर्म होता है, जिसकी वजह से लोगों को पेट में जलन की प्रॉब्लम हो सकती है. इसी कारण से उनकी नींद (Carrot Side Effects in Hindi) खराब होती है.
कैरोटीनीमिया का कारण
गाजर का येलो पार्ट बहुत ज्यादा गर्म होता है. ऐसे में गाजर के इस पार्ट को ज्यादा क्वांटिटी में खाने से कई हेल्थ प्रॉब्लम्स पैदा हो सकती हैं. इसके साथ ही ये पेट में जलन का कारण भी बन सकता है. इसके अलावा गाजर में बीटा कैरोटीन होता है. ये कैरोटीनॉयड का ही एक हिस्सा है, जो हमारी बॉडी में विटामिन A में बदल जाता है. बॉडी में कैरोटीन ज्यादा होने से लोगों कैरोटीनमिया (carotenemia) के पेशेंट्स बन सकते है. जिसकी वजह से उसकी स्किन पर पीलापन नजर आने लगता है.
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एलर्जी
कुछ लोगों के लिए गाजर श्राप है. जिसे खाने से उन्हें बहुत-सी प्रॉब्लम्स होने लगती है. जिनमें स्किन पर चकत्ते, दस्त, पित्ती और सूजन वगैराह शामिल है. ऐसी एलर्जी (allergy) गाजर के पराग में मौजूद एलर्जेन की वजह से होती है. इसलिए, जितना हो सके गाजर को कम से कम खाना चाहिए.
नैचुरल शुगर
अगर किसी को डायबिटीज जैसी प्रॉब्लम है तो, उसे गाजर को हाथ भी नहीं लगाना चाहिए क्योंकि किसी भी चीज को नॉर्मल क्वांटिटी में खाना तो ठीक है. लेकिन, ज्यादा लेने पर वो बॉडी को नुकसान पहुंचाने लगती है. गाजर का भी कुछ ऐसा ही हाल है. इसमें शुगर की क्वांटिटी बहुत ज्यादा होती है. गाजर में मौजूद चीनी ग्लूकोज में बदल जाती है और इससे बॉडी का शुगर लेवल तेजी से बढ़ने लगता है.
ब्रेस्ट मिल्क का टेस्ट चेंज करे
मम्मियों को तो सबसे ज्यादा गाजर से दूर रहना चाहिए. चाहे वो गाजर का जूस हो या गाज का हलवा. क्योंकि जब वो बच्चों को ब्रेस्ट फीडिंग करातीं है, तो वो जो कुछ भी खाती हैं वो उनके बच्चे तक पहुंचता है. स्टडीज के मुताबिक, गाजर ब्रेस्ट के दूध का टेस्ट को बदल देता है. इसलिए, खास तौर से मम्मियों को गाजर (disadvantages of eating carrots) से दूर रहना चाहिए.