तंबाकू खाने से न सिर्फ कैंसर होने का जोखिम रहता है बल्कि लंबे समय तक तंबाकू चबाने से आपकी जिंदगी में हमेशा के लिए अंधेरा भी छा सकता है।
एम्स के डॉक्टरों के मुताबिक एक अध्ययन में ये बात सामने आई है कि जो लोग धूम्रपान करते है उनमे स्मोक न करने वालों की तुलना में मोतियाबिंद होने का खतरा बढ़ जाता है।
पांच या दस साल तक तंबाकू या धूम्रपान करने से आंखों की नसों पर असर पड़ता है जिसके कारण अंधापन आ सकता है।
तंबाकू और सिगरेट के पैकेट पर लिखी चेतावनी के बावजूद लोग धड़ल्ले से इसका सेवन करते है।
एम्स के डॉक्टरों के मुताबिक इतना ही नहीं बल्कि ऐसे मामलों में फिरसे आंखों की रोशनी वापिस नहीं आ सकती है।
कैंसर और तंबाकू के शरीर पर पड़ने वाले खतरनाक प्रभाव के बारे में जानते हुए भी बहुत लोग इसका सेवन करते है।
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बहुत ही हम लोग ये जानते है कि तंबाकू के सेवन से कैंसर और दिल संबंधी बीमारियां हो सकती है लेकिन उन्हें ये नहीं पता कि लंबे समय तक इसका सेवन करने से वह अपनी आंखों की रोशनी खो बैठ सकते है।
एम्स के डॉक्टर अतुल के मुताबिक आंखों की रोशनी जाने के मामलों में कुल पांच प्रतिशत मामले तंबाकू से जुड़े होते है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के 2010 के आंकड़ों के मुताबिक भारत में विश्व के 20 प्रतिशत दृष्टिहीन लोग हो सकते हैं।
तंबाकू से दिल संबंधी बीमारियां, कैंसर और पल्मोनरी रोग व जीवाणु न्यूमोनिया, ओरल कैडियासिंस और टीबी शामिल हैं।
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भारत में कैंसर से हो रही मौत एक लगातार बढ़ती समस्या है। देश में हर साल कैंसर से करीब पांच लाख से ज्यादा लोग मौत के मुंह में चले जाते है।
रोज़ 1300 लोग इसके कारण मर रहे हैं। देश में सिगरेट, बीड़ी जैसे धूम्रपान उत्पादों पर प्रतिबंध का कोई कठोर कानून नहीं है।
इसके इस्तेमाल को कम करने के लिए पब्लिक प्लेस पर धूम्रपान, नाबालिगों को तंबाकू की बिक्री निषेध, तंबाकू उत्पादों के विज्ञापनों पर रोक है।
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Source : News Nation Bureau