दूध छुड़ाने के बाद बच्चे ठोस फूड खाते हैं. जानकारों के मुताबिक बच्चों के 8 या 9 महीने पूरे होने के बाद ही मसालें और कोई ठोस खाना खिलाना चाहिए. इससे पेट में गड़बड़ी के साथ-साथ एलर्जिक प्रतिक्रियाओं से भी बचाव में मदद मिलती है. ‘मसाले’ का मतलब केवल लाल या काली मिर्च नहीं है, बल्कि इसमें लहसुन, अदरक, हींग, जीरा, सौंफ, धनिया, सरसों, मेथी और हल्दी आदि सभी शामिल होते हैं. ये सब उसकी इम्यूनिटी को मज़बूत बनाने के लिए काफी हैं.
यह भी पढ़ें- इस मानसून अपनी आंखों का रखें इस तरीके से ख्याल, नहीं होगी कोई परेशानी
बच्चों के पेट में दर्द से राहत दिलाने के लिए और पाचन में मदद करने के लिए तैयार की जाने वाली औषधियों में हींग, अदरक, सौंफ, अजवायन और जीरे का इस्तेमाल किया जाता है.
हल्दी
दाल और सब्जियों में आप एक चुटकी हल्दी डालकर बच्चों को खिला सकते है. इस मसलें से वो हर एलेर्जी से दूर रहेगा. यह मसाला शिशु के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना जाता है.
मिर्च पाउडर
बच्चों के भोजन में मिर्च पाउडर का इस्तेमाल डेढ़ साल के बाद ही करना चाहिए. उसके बाद भी आपको बहुत कम मात्रा में इसका इस्तेमाल करना चाहिए.
लहसुन और अदरक
बच्चों के लिए कसे हुए चिकन या दाल को पकाते समय लहसुन की एक कली इस्तेमाल कर सकते हैं या अदरक का छोटा सा टुकड़ा कद्दूकस करके डाला जा सकता है. लहसुन आप बच्चे को 8-10 महीने के बाद दे सकते हैं, लेकिन अदरक आपको बच्चों को 2 साल की उम्र के बाद ही खिलानी चाहिए.
जीरा
जीरा का सेवन भी 8 महीने बाद बच्चों के लिए सुरक्षित है. जीरे को अक्सर एक छोटी चम्मच घी में तड़काकर दाल, चावल और सब्जी में डाला जा सकता है.
मेथी के दाने
18 या 19 महीनों के बाद ही आप बच्चों के आहार में मेथी के दाने शामिल कर सकते हैं. इसका इस्तेमाल इडली-डोसा के बैटर, सब्जी और करी में थोड़ी मात्रा में किया जा सकता है.
यह भी पढ़ें- जिम करने के बाद तुरंत पीना चाहिए पानी या नहीं, जानें यहां
Source : News Nation Bureau