Starvation Diet: आजकल के युवा में वजन कम करने की ट्रेंड में काफी वृद्धि देखी जा रही है. इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि स्वस्थ जीवनशैली की चाहत, सोशल मीडिया का प्रभाव, और स्वास्थ्य रहने की इच्छा. वजन घटाने के लिए योगा, जिम, और वर्कआउट जैसे विभिन्न उपाय हैं, लेकिन कुछ लोगों के पास समय की कमी हो सकती है, और ऐसे में वे स्ट्रिक्ट डाइट का पालन करते हैं, जैसे दो मील के बीच लंबा अंतराल, लिक्विड डाइट, नो कार्ब्स-लो कार्ब्स वगैरह. इन डाइट्स में लोग ज्यादा समय तक बिना खाए रहते है या भूख लगने के बावजूद कुछ भी खाने से बचते है. ऐसे डाइट को स्टार्वेशन डाइट (Starvation diet) कहा जाता है. स्टार्वेशन डाइट (Starvation diet), जो किसी व्यक्ति की आहार संबंधी आवश्यकताओं को काफी कम कर देता है. यह एक ऐसे प्रकार का डाइट है जिसका उद्देश्य शारीरिक वजन कम करना होता है. ये डाइट विभिन्न कारणों से लोगों द्वारा अपनाई जाती है, जैसे कि वजन कम करना, सेहत सुधारना, धार्मिक या तात्कालिक प्रयासों के लिए.
स्टार्वेशन डाइट (Starvation Diet) क्या है
स्टार्वेशन डाइट (Starvation diet) एक डाइट प्रणाली है जिसमें व्यक्ति अपने आहार को बहुत हद तक कम करता है, इससे उनका शारीरिक वजन तेजी से घटता है. इस डाइट में खाना इतना कम होता है कि शरीर को आवश्यक पोषक तत्व और ऊर्जा की कमी होने लगती है. इस डाइट का मुख्य लक्ष्य वजन कम करना होता है, और इसमें व्यक्ति बहुत लंबे समय तक भूखा रहता है या फिर केवल बहुत कम मात्रा में खाना खाता है. स्टार्वेशन डायट को विभिन्न कारणों से अपनाया जा सकता है, जैसे कि वजन कम करना, सेहत सुधारना, धार्मिक अथवा तात्कालिक प्रयासों के लिए. इस डाइट में खाने की कमी के कारण, शरीर को पर्याप्त पोषण और ऊर्जा की कमी होती है, जिससे शारीरिक और मानसिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. इसके अलावा, स्टार्वेशन डाइट का पालन करने से वजन कम होता है, लेकिन इसका प्रभाव अस्थायी हो सकता है और वजन फिर से बढ़ सकता है.
स्टार्वेशन डाइट (Starvation Diet) के साइड इफेक्ट
मानसिक समस्याएं: अत्यधिक भूख और पोषण की कमी से शारीरिक स्थिति में बदलाव होता है, जो मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है. यह मानसिक तनाव, डिप्रेशन, चिंता, और अन्य मानसिक समस्याओं का कारण बन सकता है.
शारीरिक कमजोरी: पोषक तत्वों और ऊर्जा की कमी के कारण, शारीरिक कमजोरी हो सकती है. इससे मांसपेशियों का क्षय होता है और शारीरिक क्षमता कम हो सकती है.
नर्वस क्राइसिस: बहुत लंबे समय तक खाने की कमी के कारण शरीर के नर्वस सिस्टम पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं, जैसे कि मानसिक संकट, नींद की कमी, और मस्तिष्क की कार्यक्षमता में गिरावट.
संक्रामक रोग: पोषण की कमी के कारण शारीरिक रोग प्रतिरोधक शक्ति कम हो सकती है, जिससे संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ सकता है.
दिल की समस्याएँ: अत्यधिक वजन घटाने के प्रयास में अत्यधिक खाने की कमी से दिल की समस्याएँ भी उत्पन्न हो सकती हैं, जैसे कि हृदय संबंधी समस्याएँ और ब्लड प्रेशर की समस्याएँ.
न्यूरोलॉजिकल समस्याएं: अधिक समय तक खाने की कमी से मस्तिष्क की कार्यक्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जो मेमोरी, ध्यान, और निर्णायक क्षमता को प्रभावित कर सकता है.
वजन कम करने के लिए किसी भी तरह की डाइट लेने से पहले डाइटीशियन या डॉक्टर की सलाह लेना बेहतर हो सकता है.
Source : News Nation Bureau