Boost Your Heart Health: आज के समय में हार्टअटैक के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. चलते फिरते इंसान को अचानक दिल का दौरा पड़ जाता है. शरीर में हार्ट तक खून पहुंचना और धड़कन पर काबू पाना आज के समय में आसान नहीं है. हार्ट में रक्त शुद्ध होकर शरीर की विभिन्न कोशिकाओं तक पहुंचता है. खून के माध्यम से ही पूरे शरीर में आक्सीजन का सर्कुलेशन होता है. हार्ट तक धमनियां खून पहुंचाती हैं. यह पंप होकर सभी अंगो तक पहुंचता है. हमारी गलत दिनचर्या और गलत खानपान के कारण शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है. इससे हार्ट अटैक, स्ट्रोक, कार्डिएक अरेस्ट जैसी समस्या उत्पन्न होती है.
दरअसल, हार्ट की मांसपेशियों का मजबूत होना जरूरी है. हार्ट काे ताकतवर बनाने के लिए सही खानपान का होना बहुत जरूरी है. इसके लिए रोजना कसरत करना चाहिए. अगर फिजिकल एक्टिविटी न हो, सही खानपान भी न हो तो हार्ट कमजोर पड़ने लगता है. हार्ट को मजबूत बनाने के लिए हार्वर्ड मेडिकल ने तीन तरीकों पर जोर दिया है. यह वे तरीके हैं, जो काम में व्यस्त होने के बावजूद किए जा सकते हैं।.
इन 3 सिंपल तरीकों से मजबूत बनेगा हार्ट
1. हार्वर्ड हेल्थ के अनुसार सोशल मीडिया पर ज्यादा सक्रिय रहना सही नहीं है. इससे अकेलापन और अलगाव की स्थिति उत्पन्न होती है. अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार अकेलापन और अलगाव ऐसी चीजे हैं, जिससे हार्ट डिजीज के साथ हार्ट स्ट्रोक का जोखिम अधिक रहता है. ज्यादा गैजेट इस्तेमाल किए बगैर लोगों से फेस टू फेस मिलें.
2. जंकफूड के दौर में लोग स्वस्थ्य भोजन को भूल चुके हैं. भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों के पास सही और स्वस्थ्य चीजों को खाने का वक्त नहीं है. हम लोग पैकड फूट आइटम पर ज्यादा निर्भर हैं. प्रोसेस्ड मीट, सैचुरेटेड फैट, एडेड शुगर आदि का सेवन ज्यादा करते हैं. इन चीजों में कैलोरी अधिक होती है. इसके कारण वजन ज्याद बढ़ जाता है. इससे डायबिटीज के साथ कोलेस्ट्रोल लेवल भी अधिक रहता है. इस तरह की चीजें हार्ट को गहरा नुकसान पहुंचाती हैं. इन सब चीजों की जगह साबुत अनाज, फाइबर युक्त चीजों पर ज्यादा ध्यान दें. ताजे फल, बादाम, सीड्स का सेवन ज्यादा करें. नाश्ते में आप ओट्स, बार्ली के नट्स जैसी चीजों का अधिक उपयोग करें.
3. योग-मेडिटेशन पर अधिक ध्यान लगाएं. खाली समय में मोबाइल पर समय बिताने की बजाय योगा के साथ मेडिटेशन भी करें. शोध में ये साबित हो चुका है कि मेडिटेशन से शरीर रिलैक्स रहता है. शरीर में मनोवैज्ञानिक असर होता है. यह हाई कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर जैसे जोखिमों को कम करता है.
Source : News Nation Bureau