रिट्रोवायरस (एचआईवी) करीब 50 करोड़ साल पुराने हैं। यह पहले की अवधारणा से लाखों साल पुराने हैं। ऐसा ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों का मानना है। रिट्रोवायरस विषाणुओं का एक प्रकार है, इसमें एचआईवी विषाणु भी शामिल है। एचआईवी विषाणु एड्स की महामारी के लिए जिम्मेदार है।
नए शोध में पता चला है कि रिट्रोवायरस की उत्पत्ति समुद्री मूल से है। यह अपने जंतु पोषक के जरिए विकासपरक संक्रमण के लिए समुद्र से जमीन पर आए।
अब तक यह माना जाता था कि रिट्रोवायरस नए हैं और इन्हें 10 करोड़ साल पुराना माना जाता था।
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के जंतु विज्ञान विभाग के डॉ. अरिस काटजोउराकिस ने कहा, 'हमारा शोध बताता है कि रिट्रोवायरस कम से कम 45 करोड़ साल से ज्यादा पुराने है, यदि इतने पुराने नहीं तो पैलियोजोइक युग के शुरुआत में अपने कशेरुकी पोषकों के साथ उत्पन्न हुए होंगे।'
यह जानवरों में कैंसर और प्रतिरोध संबंधी बीमारियां भी पैदा करता है।
विषाणु के रिट्रो भाग का नाम आरएनएस से बने होने से नाते लिया जाता है। यह पोषक जीनोम में प्रवेश करने के लिए डीएनए में परिवर्तित हो जाता है।
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Source : IANS