आज के भागदौड़ भरे जीवन में स्ट्रेस-एंग्जाइटी आम है. खासतौर पर युवाओं में इस तरह की मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ रही हैं. ऐसे में अगर समय रहते इन समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया गया, तो ये हमारी सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकती है. संभव है कि हम जल्द ही डिप्रेशन का शिकार भी हो जाएं. वहीं हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक इसका दुष्प्रभाव हमारी शारीरिक सेहत पर भी पड़ सकता है, मसलन अगर आप किसी भी तरह से स्ट्रेस-एंग्जाइटी या डिप्रेशन के शिकार हैं, तो आपकी सेहत में बदलाव आने लगते हैं. आपको भूख-प्यास लगना कम हो जाती है, शरीर में उर्जा की कमी होनी लगती है, किसी चीज पर फोकस नहीं कर पाते, कार्यो में रुचि खो बैठते हैं...
हालांकि आज हम कुछ ऐसी बीमारियों के लक्षण के बारे में बात करने जा रहे हैं, जो संभवतः लगे डिप्रेशन जैसी, मगर असल में है नहीं. आप इन बीमारियों को लेकर कंफ्यूज न हो, इसलिए शरीर की कुछ ऐसी स्थितियों के बारे में आज आपको बताएंगे... शुरू करते हैं...
नींद की परेशानी
जरूरी नहीं कि अगर आप ठीक से सो नहीं पा रहे, तो आप डिप्रेशन में है. नहीं ये गलतफहमी है, डिप्रेशन के अलावा भी कई कारक हैं, जिनमें आपको नींद से जुड़ी परेशानी पेश आ सकती है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक डायबिटीज, पाचन, हृदय रोग सहित तमाम तरह की अन्य बीमारियों में भी नींद में खलल पड़ता है. चाहे हम कितनी भी कोशिश करें, हमें नींद नहीं आती. ऐसे में अगर आपको भी महसूस हो कि आप नींद की परेशानी से जूझ रहे हैं, तो डॉक्टर को जरूर दिखाएं.
हाइपोथायरायडिज्म
अक्सर देखा गया है कि डिप्रेशन से जूझ रहे लोगों में उदासी, थकान और चिड़चिड़ापन का भाव रहता है. न वो किसी से सही ढंग से बात करते हैं, न ही एक्टिव नजर आते हैं. मगर ऐसा नहीं है कि ये सिर्फ डिप्रेशन के ही लक्षण हैं, ऐसी स्थिति में आपको कंफ्यूज नहीं होना है, क्योंकि ये हाइपोथायरायडिज्म की समस्या भी हो सकती है. दरअसल जब थायरॉयड ग्रंथि हार्मोन का उत्पादन कम कर देती हैतो इसका असर हमारे मेटाबॉलिज्म पर पड़ता है, और वो धीमा हो जाता है. यही वजह है रोगियों में उदासी, चिंता और कमजोरी की. ऐसे में अगल आपको कभी लगे कि आप में इस तरह के लक्षण पनप रहे हैं, फौरन थायरॉयड की जांच करवाएं.
इसके अतिरिक्त डायबिटीज और क्रोनिक फटीग सिंड्रोम में भी आपको डिप्रेशन जैसी समस्याएं पेश आ सकती है, लिहाजा इसे भी ध्यान में रखें.
Source : News Nation Bureau