किडनी हमारे शरीर में सफाई करने का काम करती है. ये गंदगी निकालने वाले सिस्टम का एक बड़ा और अहम हिस्सा है. हमारी दोनों किडनियों में दो छोटे-छोटे फिल्टर होते हैं, जिन्हें नेफरोंस कहते हैं. ये खून को साफ करते हैं. सही देखभाल के अभाव में किनडी खराब और उससे जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि किडनी खराब होने के लक्षण इतने हल्के होते हैं कि ज्यादातर लोगों को बीमारी के बढने तक कोई अतंर महसूस नहीं होता. जब चोट लगने, हाई ब्लड प्रेशर या फिर डायबिटीज के कारण किडनी डैमेज हो जाती हैं, तो यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को फिल्टर नहीं कर पाती, जिससे जहर का निर्माण होता है. ऐसे में किडनी ठीक से काम नहीं करती और टॉक्सिन जमा हो सकते हैं. वहीं, ज़्यादातर लोगों को यही पता होता है कि ज्यादा पेशाब आना ही किडनी खराब होने का संकेत है. लेकिन आज हम आपको त्वचा से जुड़े वो सिंपटम्स बताने जा रहे हैं जिनका नजर आना इस बात की तरफ इशारा करता है कि आपकी किडनी सड़ने लगी है और धीरे धीरे वो काम करना बंद करती जा रही है.
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1. बार-बार पेशाब आना
मायोक्लिनिक के अनुसार, बार-बार पेशाब आना भी किडनी के खराब होने की निशानी है. एक सामान्य स्वस्थ व्यक्ति दिन में 6-10 बार पेशाब जाता है, अगर इससे ज्यादा बार पेशाब जाना पड़ रहा है तो सावधान रहें. किडनी की समस्या के मामले में व्यक्ति को या तो बहुत कम बार या फिर बहुत ज्यादा बार पेशाब जाने की इच्छा महसूस होती है. ये दोनों ही स्थिति किडनी को नुकसान पहुंचाती हैं. कई बार कुछ लोगों की पेशाब में खून भी निकलने लगता है. ऐसा डैमेज हुई किडनी के कारण ब्लड सेल्स के पेशाब में रिसने के कारण हो सकता है.
2. त्वचा में सूखापन और खुजली
त्वचा में सूखापन और खुजली भी किडनी डिसऑर्डर का मुख्य संकेत है. ऐसा तब होता है जब किडनी शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में सक्षम नहीं होती, तब ये विषाक्त पदार्थ ब्लड में जमा होने लगते हैं, जिससे त्वचा में खुजली, सूखेपन के साथ दुर्गंध आने लगती है. अगर आपको भी ये लक्षण दिखते हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
3. कमजोरी और थकान महसूस होना
मायोक्लिनिक कहता है कि हर समय कमजोरी और थकान महसूस होना किडनी की समस्या के शुरूआती संकेत हैं. जैसे -जैसे किडनी की बीमारी गंभीर होती जाती है व्यक्ति पहले से ज्यादा कमजोर और थका हुआ महसूस करता है. यहां तक की थोड़ा चलना-फिरने में भी दिक्कत महसूस होती है. ऐसा किडनी में विषाक्त पदार्थों के जमा होने के कारण होता है.
4. हाथ-पैर में सूजन
हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि किडनी शरीर से अपशिष्ट और अतिरिक्त सोडियम को फिल्टर करने में मदद करती है, जब किडनी ठीक से काम करना बंद कर देती है, तो शरीर में सोडियम जमा होने लगता है, जिससे पिंडलियों और टखनों में सूजन बढ़ जाती है. इस स्थिति को एडिमा कहते हैं. आम तौर पर टॉक्सिक किडनी में आंखों और चेहरे में सूजन देखी जाती है, लेकिन इसके लक्षण सबसे ज्यादा हाथ, पैर और टखनों को प्रभावित करते हैं.