Symptoms of Leprosy: लेप्रोसी जिसे हिंदी में कुष्ठ रोग भी कहा जाता है, एक संक्रामक रोग है जो बैक्टीरिया Mycobacterium leprae के कारण होता है. यह रोग आमतौर पर त्वचा, नसों और कोमल ऊतकों को प्रभावित करता है और कई संक्रामक रूपों में हो सकता है. यह रोग लंबे समय तक छिपा रह सकता है और अगर सही समय पर उपचार नहीं किया गया तो कई गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है. लेप्रोसी के लक्षणों में त्वचा पर अपने आप हो जाने वाले छाले, दाने, सूजन, रंग के परिवर्तन को अनुभव किया जा सकता है. यह रोग व्यक्ति के शरीर में अनायास होने वाली छोटी-मोटी नसों को प्रभावित करता है और उन्हें कमजोर बना सकता है. इसके अलावा, कुछ मामलों में नसों का कमजोर होने के कारण हाथों और पैरों की स्पष्टता में कमी हो सकती है. लेप्रोसी का उपचार मेडिकल प्रोफेशनल्स द्वारा उपचार किया जा सकता है, जिसमें दवाओं का सेवन और विभिन्न थेरेपी की शामिलता हो सकती है. अगर कोई व्यक्ति लेप्रोसी के लक्षणों का सामना कर रहा है, तो उन्हें तत्काल चिकित्सा परामर्श लेना चाहिए. WHO (World Health Organization) आंकड़ों के अनुसार भारत में लेप्रोसी की व्यापकता दर 2014-15 में प्रति 10,000 की आबादी पर 0.69 से घटकर 2021-22 में 0.45 हो गई है. आइए जानें लेप्रोसी के लक्षण:
त्वचा पर छिपे छाले या दाने: शुरुआती लक्षण में छोटे, लाल या गहरे रंग के छाले या दाने होते हैं, जो समय के साथ बढ़ते हैं.
नसों की कमजोरी: नसों में कमजोरी या अनुकंपा के कारण अंगों की अच्छी गतिविधि का लक्षण हो सकता है.
त्वचा का नुमा पड़ना: त्वचा का स्थानिक रूप से सफेद हो जाना, जिसे "लेप्रोमाटा" कहा जाता है.
अनुभव में कमी: छिपे नसों के कारण अंगों की संवेदनशीलता में कमी हो सकती है.
तालु के छाले: लेप्रोसी के मामलों में तालु पर छाले हो सकते हैं जो अन्य किसी बीमारी के लक्षण भी हो सकते हैं.
आँखों की संवेदनशीलता में कमी: अनुभव में कमी के कारण आँखों की संवेदनशीलता में कमी हो सकती है.
गले में समस्याएँ: गले में सूजन या छाले भी लेप्रोसी के लक्षण हो सकते हैं.
अगर किसी को लेप्रोसी के लक्षण दिखाई दें, तो उन्हें तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए. लेप्रोसी के समय पर पहचान और उपचार से बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है.
लेप्रोसी का उपचार
लेप्रोसी का उपचार आमतौर पर खास और लम्बे समय तक चलता है, और इसे सामान्यत: दवाइयों और थेरेपी के माध्यम से नियंत्रित किया जाता है.
मलारियल थेरेपी (मद्यम या संगठन): इस उपचार में, कई दवाइयाँ केवल एक बार प्रतिदिन ली जाती हैं. यह उपचार मुख्यतः गंभीर रूपों में लेप्रोसी को इलाज करने के लिए प्रयोग किया जाता है.
मलारियल थेरेपी (सापेक्ष ड्रग्स): इस उपचार में, कम-अधिक अंतराल पर जिन दवाओं की आवश्यकता होती है, उन्हें लेने के लिए दिन में कई बार दवा ली जाती है.
सापेक्ष ड्रग्स: कुछ दवाइयाँ भी लेप्रोसी के इलाज में सहायक हो सकती हैं, जैसे की रोमेंसिंग, थालिडोमाइड, और पर्सोन्स दवाइयां.
अन्य उपचार: कुछ मामलों में, सर्जरी, नसों के निकास या चिकित्सा चिकित्सा, जैसे की रंध्रों के निकास, आवश्यक हो सकते हैं.
लेप्रोसी के उपचार में विभिन्न थेरेपी सहायक हो सकती हैं, जैसे कि भाषा थेरेपी, किर्मिक थेरेपी, और प्राकृतिक उपचार. यह जरूरी है कि डॉक्टर के सुझाव और निरीक्षण के बाद ही उपचार शुरू किया जाए। उपचार के साथ-साथ, सहायक सामग्री का उपयोग और स्वस्थ जीवनशैली भी महत्वपूर्ण है.
Source : News Nation Bureau